50 लाख रूपए दिए कानपुर के साथ ही आसपास जिलों के दर्जनों मरीज जेके कैंसर हॉस्पिटल में इलाज के लिए आते हैं, लेकिन आधुनिक मशीनें नहीं होने के चलते उन्हें दूसरे शहरों के अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है। संस्थान के अलाधिकारियों ने कईबार पत्र लिखकर एचआरडी मंत्री व यूपी सरकार के मंत्रियों से मैमोग्राफी मशीन लगवाए जाने की मांग की, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां के एक भी सरकारी अस्पतालों में स्तन कैंसर के शुरूआती लक्षणों की जांच करने की कोई सुविधा नहीं है। अक्सर मरीज काफी देर में अस्पताल आता है, जिससे समस्या बढ़ जाती है। जेके कैंसर संस्थान में पिछले साल 1979 स्तन कैंसर के मरीज रजिस्टर्ड हुए। हालांकि यहां कानपुर समेत आसपास के मरीज आते हैं, लेकिन मैमोग्राफी मशीन नहीं होने के चलते उन्हें अन्य शहरों के लिए डॉक्टर रेफर कर देते हैं। इसी समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए एक्स्र व सांसद रेखा ने अपनी निधि से 50 लाख रूपए मशीन के खरीदने के लिए दिए हैं।
रेखा के निजी सचिव ने दी जानकारी अभिनेत्री रेखा के निजी सचिव ने एक महीने पहले जेके कैंसर संस्थान के निदेशक डॉक्टर एमपी मिश्रा को फोन कर 50 लाख तक के चिकित्सा उपकरणों के लिए प्रस्ताव मांगा। कहा कि रेखा अपनी सांसद निधि से यह कार्य करना चाहती हैं। निदेशक ने उन्हें मेमोग्राफी मशीन का प्रस्ताव भेजा। प्रस्ताव में यहां यह मशीन न होने का हवाला देते हुए नितांत आवश्यक बताया। सांसद ने इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से सहमति दे दी। अब उन्होंने जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह, जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉक्टर नवनीत कुमार और जेके कैंसर संस्थान के निदेशक डॉक्टर. एमपी मिश्रा को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने मेमोग्राफी मशीन के लिए प्रस्ताव को मुख्य विकास अधिकारी एवं जिलाधिकारी के माध्यम भेजने के लिए कहा है।
खुद रेखा ने की पहल जेके कैंसर अस्पताल में मैमोग्राफी मशीन लगवाने की पहल खुद एक्टर व सांसद रेखा ने अपनी तरफ से की है। संस्थान के निदेशक डॉक्टर एमपी मिश्रा ने बताया कि जल्द ही मैमोग्राफी मशीन के प्रस्ताव की आख्या विकास भवन के अभियंता देंगे। इसके बाद यह फाइल स्ीडीओ के पास से गुजरते हुए डीएम के टेबल पर पहुंचेगी। डीएम अपनी रिपोर्ट लगा कर फाइल रेखा के पास भिजवा देंगे। डॉक्टर मिश्रा ने बताया कि हम अपनी तरफ से युद्ध स्तर पर लगे हुए हैं और हमें यकीन है कि अगले माह तक यह मशीन कानपुर के कैंसर हॉस्पिटल को मिल जाएगी। स्तन कैंसर का इलाज करवा रहीं पुराने कानपुर निवासी रचना ने बताया कि यहां जांच की सुविधा नहीं होने के चलते हमें मुम्बई जाना पड़ा। वहां जांच के बाद हमें स्तन कैंसर की जानकारी मिली। यदि जेके हॉस्पिटल में यह मशीन लग जाएगी तो मर्ज का पता आशानी स ेचल जाएगा और पैसे के साथ समय की भी बचत होगी।
रेखा की पहल को सबने सराहा डॉक्टर रमेश रस्तोगी ने एक्टर रेखा की दरियादिली की प्रसंसा करते हुए बताया कि मशीन आते ही हर साल हजारों महिलाओं को स्तन कैंसर से बचाया जा सकेगा क्योंकि मौजूदा समय में निजी सेंटरों में ही मेमोग्राफी जांच होती है। जांच लगभग 4000 रुपये में होती है। महंगी जांच होने की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर तमाम महिलाएं इसे नहीं करा पातीं और स्तन कैंसर की चपेट में आ जाती हैं। समय से इलाज न होने पर मरीज की मृत्यु हो सकती है। यदि संस्थान में यह जांच उपलब्ध हो जाएगी तो ऐसी तमाम महिलाओं की जान बचाना संभव हो जाएगा। वहीं समाजसेवी राजेंद्र खरे भी बॉलीबुड एक्टर के इस कदम की तारीफ करते हुए कहा कि देश व प्रदेश के जनप्रतिनिधियों को रेखा से सीख लेनी चाहिए। भाषण के बजाए जनता के लिए कार्य करना चाहिए।
2 जून को आया पत्र निदेशक मिश्रा ने बताया कि 2 जून 2018 की शाम को मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से संस्थान में पत्र आया है। संस्थान जल्द ही सीडीओ के पास फाइल भिजवा देगा और आगे की कार्रवाई डीएम करेंगे। निदेशक ने बताया कि 2017 में कैंसर रोगियों की संख्या 13 हजार थी, इनमें से 2300 महिलाएं स्तन कैंसर से ग्रसित थीं। निदेशक ने बताया कि हर साल महिलाओं को स्तन कैंसर की जांच करानी चाहिए। हाई रिस्क ग्रुप की महिलाओं की एक साल में और लो रिस्क ग्रुप की महिलाओं को दो साल में एक बार अवश्य होना चाहिए। अब स्तन कैंसर की जांच की मशीन लग जाने से महिलाओं को जांच के लिए ज्यादा पैसे और समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा।