डीजी पीजी कॉलेज में बीए और बीएससी में प्रवेश के लिए कोई नियम लागू नहीं किया गया है। यहां सीधे प्रवेश होंगे। सीटों की संख्या के आधार पर पहले आओ-पहले पाओ के फार्मूले पर एडमिशन दिए जाएंगे। इसलिए यहां पर प्रवेश के लिए ज्यादा मारामारी दिखेगी। जबकि एमसएसी के लिए मेरिट लागू की गई है और मेरिट के आधार पर ही जुलॉजी, बॉटनी और केमिस्ट्री में दाखिला लिया जाएगा।
डीजी पीजी कॉलेज को लड़कियों का पसंदीदा कॉलेज यूं ही नहीं कहा जाता। यहां कॉमर्स को छोड़कर अन्य सभी विषयों की पढ़ाई होती है। लड़कियों के लिए सबसे मुफीद बात यह है कि यहंा पर कई प्रोफेशनल कोर्स भी सेल्फ फाइनेंस के तहत चलाए जाते हैं, जिससे लड़कियों को इसके लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं होती। इसके अलावा यहां की शिक्षिकाएं केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के तहत भी कई प्रोजेक्ट चला रही हैं। यहां पर उन्नत भारत अभियान के तहत भी कार्य किया जाता है।
यह जिले का पहला महिला परास्नातक कॉलेज है और यहां पर एनसीसी, एनएसएस और रोवर्स रेंजर्स की यूनिट भी काम करती है। इस कॉलेज की लाइब्रेरी ५० साल पुरानी है और जिसमें ९० हजार से ज्यादा किताबे हैं। यहां कोर्स के अलावा हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी के भी कई पुराने साहित्य मौजूद हैं, जिनकों लेकर छात्राओं में दिलचस्पी रहती है। ये साहित्य बाहर की लाइब्रेरी में आसानी से नहीं मिलते।
यह प्रदेश का दूसरा ऐसा कॉलेज है जिसे स्टार कॉलेज बनाया गया है। विज्ञान और शोध को बढ़ावा देने के लिए यहां पर मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने स्टार कॉलेज योजना शुरू की है। यहां अत्याधुनिक लैब में छात्राओं को नए-नए प्रयोग का मौका मिलेगा।