विश्वविद्यालय में संचालित 63 कोर्स में से 20 ऐसे कोर्स थे जिनमें निर्धारित सीटों से भी कम आवेदन आए थे। इसके चलते इन कोर्स की प्रवेश परीक्षाएं भी आयोजित नहीं की गईं। इनमें कई ऐसे कोर्स भी थे जिनके लिए एक भी छात्र इच्छुक नहीं था जबकि अन्य में भी 10 प्रतिशत के अंदर ही आवेदन आए थे। रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि ऐसे विभागों में एडमिशन कम होने के कारण का पता लगाया जाएगा और उसे दूर करने की कोशिश होगी।
सीएसजेएमयू में संचालित एमए म्यूजिक (वोकल), एमए इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिट्रेचर, एमए म्यूजिक इंस्ट्रूमेंटल सितार, एमए म्यूजिक इंस्ट्रूमेंटल तबला, एमए एक्सटेंशन एंड रूरल डेवलपमेंट, एमए डेवलपमेंट स्टडीज, एमलिब, एमएससी इलेक्ट्रॉनिक्स, पीजी डिप्लोमा इन गाइडेंस एंड काउंसलिंग, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन ह्यूमन राइट्स एंड सोशल ड्यूटीज, पीजी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म, पोस्ट मास्टर डिप्लेामा इन लाइफलांग लर्निंग एंड एक्सटेंशन, एडवांस डिप्लोमा इन इंटिरियर डिजाइन, बिलिब एंड इंफॉरमेशन साइंस, बीवोक (फैशन टेक्नोलॉजी), डीसीए आदि कोर्सों में अब छात्रों की दिलचस्पी नहीं रही।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को सहूलियत प्रदान की है। रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह ने आदेश दिया कि ऐसे छात्र जो एक बार में पूरी फीस नहीं दे सकते, उन्हें दो किस्तों में शुल्क जमा करने की सुविधा दी जाएगी। ऐसे छात्रों को सेमेस्टर परीक्षा से पहले अपनी फीस जमा करनी होगी। विद्यार्थी को इस संदर्भ में 10 रुपये के स्टांप पर एक शपथपत्र भी बनवाना होगा। जिन विभागों में बिल्कुल या फिर बेहद कम एडमिशन हुए हैं ,उनमें सीधे दाखिले का आदेश विश्वविद्यालय प्रशासन ने जारी कर दिया। रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि जो छात्र ऐसे कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं, वो 16 जुलाई तक विश्वविद्यालय के संबंधित विभागों में संपर्क कर सकते हैं।