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कानपुर

श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार को हो रही एडवांस बुकिंग, पहली बार घाटों पर दिखा ऐसा झकझोर देने वाला दृश्य

लोगों को अपनों के अंतिम संस्कार के लिए यहां भी कतार में खड़ा होना पड़ रहा है। अंत्येष्टि के लिए एडवांस बुकिंग करानी पड़ रही है।

कानपुरApr 21, 2021 / 11:58 am

Arvind Kumar Verma

श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार को हो रही एडवांस बुकिंग, पहली बार घाटों पर दिखा ऐसा झकझोर देने वाला दृश्य

श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार को हो रही एडवांस बुकिंग, पहली बार घाटों पर दिखा ऐसा झकझोर देने वाला दृश्य

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. यूपी में कोरोना संक्रमण (Corona Sankraman) से मौतों का सिलसिला जारी है। हालात ऐसे हैं कि कानपुर के घाटों (Cemetery) पर लंबी कतारें लगी हैं। घाटों की भयावह स्थिति देख आपकी भी रूह कांप जाएगी। लोगों को अपनों के अंतिम संस्कार (Funeral) के लिए यहां भी कतार में खड़ा होना पड़ रहा है। अंत्येष्टि के लिए एडवांस बुकिंग करानी पड़ रही है। देखा जाए तो अस्पताल में मरीजों का तो शमशान घाटों पर लाशों (Dead Body) का जमावड़ा लगा है। शमशान घाटों पर अपनों की अंत्येष्टि कराने के लिए लोगों को टोकन लेना पड़ रहा। यहां का नजारा देख आप भी कांप उठेंगे। अंतिम संस्कार के लिए घाटों पर हाहाकार की स्थितियां बनी हुई हैं।
आपको बता दें कि सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार सूर्यास्त के पहले तक अंतिम संस्कार बेहतर रहता है, लेकिन हालातों को देख यहां रात के आठ-नौ बजे तक लकड़ियां जल रही हैं। मंगलवार को शहर के सबसे बड़े श्मसान भैरो घाट का मंजर देख सैकड़ों आंखें रो पड़ीं। यहां तड़के ही दस लाशें पहुंच चुकी थीं ताकि बाद में कतार में लगने का दंश न झेलना पड़े। पुरोहित पुत्तन मिश्रा कहते हैं कि यहां आने वाले लोग शवों का अंतिम संस्कार जल्द करा यहां आने वाली भीड़ से बचना चाहते हैं। उनका कहना था कि पिछले दस दिनों में जितनी लाशें यहां एक साथ देखीं हैं उतनी 40-45 दिन मिलाकर नहीं देखी। सोमवार को 70 शवों का संस्कार यहां हुआ था। ऐसा ही हाल मंगलवार को रहा।
भगवतदास घाट की सह संचालिका प्रियंका द्विवेदी कहती हैं कि पहली बार लाशों का ऐसा तांता लगा है, दिल झकझोर देने वाला दृश्य है। यहां हर आधे घंटे पर दो-तीन शव पहुंच रहे हैं। सोमवार को यहां 41 शवों की अंत्येष्टि हुई। इसी तरह बिठूर घाट के ठेकेदार अमिताभ बाजपेई कहते हैं कि भैरो घाट में जब टोकन सिस्टम चालू हुआ तो लोग बिठूर की तरफ रुख करने लगे। सोमवार से शवों की संख्या में और इजाफा हो गया है। हमें अलग से लकड़ियों का इंतजाम करना पड़ा है। सोमवार को 45 अंतिम संस्कार हुए थे। हालात बहुत बदतर हैं लोग सावधानी बरतते रहें।
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