नेत्र रोग विभाग के प्रोफेसर आरएन कुशवाहा, पैथोलॉजी विभाग से प्रो.सुमनलता वर्मा, बालरोग विभाग के प्रो.एके आर्या, मेडिसिन विभाग से एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.विशाल गुप्ता व डॉ.आरके वर्मा, एनीस्थीसिया विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.चंद्रशेखर, सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.पवन कुमार सिंह, डॉ.सियाराम सिंह, डॉ. बाबूलाल व कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रवक्ता डॉ.अभय सिंह का ट्रांसफर हुआ है. इन सभी को सहारनपुर, जालौन, आजमगढ़ व बांदा के मेडिकल कॉलेजों में भेजा गया है जहां सरकार को नई मेडिकल फैकल्टी नहीं मिल रही है.
मेडिकल कॉलेज में अभी 190 एमबीबीएस की सीटें हैं. पिछले दिनों एमसीआई ने मेडिकल कॉलेज का इंस्पेक्शन किया था तो कई कमियां बताई थीं जिन्हें दूर करने को भी कहा था. हालांकि उस वक्त मेडिकल फैकल्टी की कमी को लेकर ज्यादा तल्खी नहीं दिखाई गई थी, लेकिन पिछले महीने और बुधवार को मेडिकल कॉलेज से 18 सीनियर फैकल्टी मेंबर्स कम हो गए. इसमें ज्यादातर सीनियर फैकल्टी ही थी.
कुछ दिन पहले आयोग से दो प्रोफेसरों का चयन हुआ, जिनकी नियुक्ति जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में हुई, लेकिन इन ट्रांसफर्स से फैकल्टी का सारा गणित गड़बड़ा गया है. यूजी सीटें 250 बढ़वाने के प्रयासों में लगे जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन को यह बड़ा झटका है, क्योंकि इससे मौजूदा यूजी सीटें ही कम होने का खतरा पैदा हो गया है.
इस क्रम में मेडिकल कॉलेज के प्रो. नवनीत कुमार कहते हैं कि कॉलेज में फैकल्टी की कमी को पूरा करने के लिए संविदा पर कई पद भरे गए हैं. साथ ही दो प्रोफेसर अभी आयोग से भी चयनित होकर आए हैं. ट्रांसफर से फैकल्टी कम हुई है. इसकी जानकारी शासन को है.