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करोड़ों हो गए खर्च, फिर भी साउथ सिटी के लाखों लोग रोजाना जूझते हैं भीषण जाम से

locationकानपुरPublished: Nov 28, 2018 11:56:26 am

शहर के ट्रैफिक को स्मार्ट बनाने के लिए सरकार पहले ही करीब 30 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है. इसके बाद भी कुछ मुख्य चौराहों को छोड़ दें तो ट्रैफिक की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है. सड़कों पर वही जाम, दोनों ओर अतिक्रमण, चौराहों से गायब ट्रैफिक पुलिस. इसके अलावा कुछ अच्‍छा देखने को नहीं मिलता है.

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करोड़ों हो गए खर्च, फिर भी साउथ सिटी के लाखों लोग रोजाना जूझते हैं भीषण जाम से

कानपुर। शहर के ट्रैफिक को स्मार्ट बनाने के लिए सरकार पहले ही करीब 30 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है. इसके बाद भी कुछ मुख्य चौराहों को छोड़ दें तो ट्रैफिक की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है. सड़कों पर वही जाम, दोनों ओर अतिक्रमण, चौराहों से गायब ट्रैफिक पुलिस. इसके अलावा कुछ अच्‍छा देखने को नहीं मिलता है. रोजाना लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है. खास तौर पर साउथ सिटी में. यहां 15 से ज्‍यादा छोटे-बड़े ऐसे चौराहे और हाई-वे पर बने अंडरपास हैं, जहां न तो ट्रैफिक पुलिस है और ना ही ट्रैफिक लाइट्स. जिन चौराहों पर आईटीएमएस के तहत ट्रैफिक लाइट्स लगाई भी गई हैं, वहां पूरा सिस्टम शोपीस बना हुआ है. इन स्थितियों में साउथ के लाखों लोग आज भी रोजाना जाम से जूझते हैं.
टूटती गईं उम्‍मींदें
साउथ सिटी के लगभग सभी छोटे-बड़े चौराहों पर करीब 2 साल पहले करोड़ों के खर्च से ट्रैफिक लाइट्स लगा दी गई थीं. उस वक्त साउथ सिटी के लोगों ने अपने आप को स्मार्ट ट्रैफिक की राह पर चलते हुए देख काफी अच्‍छा महसूस किया था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया साउथ सिटी के लोगों की उम्मींद टूटती गई.
लाइट्स का कोई मायने ही नहीं
बता दें कि साउथ सिटी के लगभग हर चौराहे पर आपको ट्रैफिक लाइट्स दिख जाएंगी. ऐसे में अगर हम साउथ सिटी के लिए फजलगंज चौराहे से सफर शुरू करें तो बर्रा बाईपास चौराहे तक करीब 06 चौराहों, तिराहों पर लाइट्स लगी दिखती हैं. इसमें चावला मार्केट, नंदलाल चौराहा, दीप तिराहा, साकेतनगर तिराहा, सचान चौराहा और बर्रा बाईपास चौराहा आदि प्रमुख हैं, लेकिन एक भी चौराहे या तिराहे पर इन लाइट्स के भरोसे ट्रैफिक संचालित नहीं किया जाता है.
यहां भी नहीं मानते हैं लाइट्स को
विजयनगर से साउथ सिटी की ओर जाने वाले रूट पर सीटीआई चौराहा और शास्त्री चौक चौराहे पर भी ट्रैफिक लाइट्स के मुताबिक नहीं चलता है. इसके अलावा किदवईनगर चौराहा, बारादेवी चौराहा, नौबस्ता चौराहा, यशोदानगर चौराहा, पुरानी मौरंग मंडी चौराहा, जूही डिपो चौराहा आदि चौराहों पर लाइट्स लगी तो दिख जाएंगी, लेकिन इनका कोई इस्‍तेमाल नहीं किया जाता है.
ऐसा कहते हैं अधिकारी
इस बारे में एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार कहते हैं कि साउथ सिटी की ट्रैफिक लाइट्स जल्द ट्रैफिक को गाइड करेंगी. लोग ट्रैफिक लाइट्स को फॉलो नहीं करते हैं, लोगों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. जिन चौराहों पर लाइट्स काम नहीं कर रही हैं, उनकी मरम्मत के लिए कंपनी को लिखा गया है.

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