कानपुर देहात में यमुना नदी के उफान पर आने के कारण मूसानगर क्षेत्र के चपरघटा, आढ़न पथार, कुंभापुर, रसूलपुर, भुंडा, भरतौली, नगीना बांगर, अहरौली घाट, बम्हरौली घाट, मुसरिया, बैजामऊ, महदेवा सहित करीब डेढ़ दर्जन से अधिक बाढ़ की चपेट में आ गए थे। बीती गुरुवार रात यमुना के जलस्तर में गिरावट आने से प्रभावित गांवों में पानी घटने लगा, जिसके बाद अब गंदगी व कीचड़ के चलते संक्रामक बीमारियों ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं।
संक्रामक रोग नोडल डॉ. एपी वर्मा के निर्देश पर अमरौधा प्राथमिक स्वास्थ केंद्र से डॉ. दिलीप सक्सेना, सीएचओ दीप कुमार, भुवनेश व कविता की टीम सबसे पहले बम्हरौली गांव पहुंची। यहां पर 15 मरीजों का स्वास्थ परीक्षण करते हुए दवा दी गई। इसके बाद रमपुरा गांव पहुंची टीम ने 33 मरीजों का उपचार किया, जबकि 6 बुखार पीड़ितों के रक्त स्लाइड बनाई गई। टयोंगा गांव में चर्मरोग व खुजली से पीड़ित 20 मरीजों का इलाज किया गया। आढ़न गांव में चर्मरोग से पीड़ित 70 मरीजों को इलाज करते हुए 3 बुखार पीड़ितों की स्लाइड बनाई गई। पथार गांव में खुजली के 69 मरीजों को दवा देने के साथ दो बुखार पीड़ितों का सैंपल लिया गया।
नगीना गांव पहुंची स्वास्थ टीम ने बुखार, चर्मरोग आदि से पीड़ित 43 मरीजों का इलाज किया। मलासा ब्लॉक के भरतौली गांव में 26 मरीजों को उपचार करते हुए क्लोरीन की 215 गोलियां बांटी गई। इसी ब्लाक के उमरिया गांव में खुजली व बुखार से पीड़ित 24 मरीजों को इलाज कर क्लोरीन की 250 गोली वितरित की गई। राजपुर ब्लॉक के गोहानी बांगर में 16 मरीजों का इलाज किया गया। बम्हरौली घाट में डॉ. सोनाली, सीएचओ दिनेश, एएनएम किरन व सुनील की टीम ने पहुंचकर 16 मरीजों को इलाज किया।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हीरा सिंह ने बताया कि बाढ़ग्रस्त गांवों में जलस्तर घटने के बाद बीमारी फैलने की आशंका पर स्वास्थ टीमों को लगातार भेजकर मरीजों का उपचार कराया जा रहा है। आकस्मिक स्थित को देखते हुए चिकित्सकों की छुट्टी रद करते हुए अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।