बताया गया है कि अभी तक नगर निगम की ओर से किसी भी तरह का नाम बदलवाने पर नामांतरण शुल्क 200 से दो हजार रुपये तक अलग-अलग स्लैब में लिया जाता था. वहीं लखनऊ समेत अन्य नगर निगमों में 2012 से ही डीएम सर्किल रेट का एक फीसदी नामांतरण शुल्क लिया जा रहा है. वैसे पहले कानपुर में ये व्यवस्था लागू नहीं थी. नगर निगम के अफसर वित्तीय व्यवस्था को सुधारने के लिए इसे बढ़ाने की कवायद कर रहे थे.
इस क्रम में मंगलवार को नामांतरण से संबंधित प्रस्ताव कार्यकारिणी में रखा गया. इसको सदस्यों ने सर्वसम्मति के साथ पास कर दिया. नगर निगम के हर जोन में प्रति महीने करीब 50 नामांतरण होते हैं. इसके अलावा कार्यकारिणी की बैठक में कई और भी अहम फैसले लिए गए. मसलन अब परेड चौराहा शहीद भगत सिंह चौक के नाम से जाना जाएगा. इसके अलावा नगर निगम में संविदा पर काम कर रहीं शिक्षिकाओं के वेतन बढ़ोतरी को भी मंजूरी दी गई.
इस बारे में शहर की महापौर प्रमिला पांडेय का कहना है कि नगर निगम की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए इस तरह की नई व्यवस्था लागू की गई है. अब इस प्रस्ताव को जल्द ही नगर निगम सदन से स्वीकृत कराया जाएगा और उसके बाद जल्द से जल्द लागू किया जाएगा.