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बाढ़ की तबाही में बह गए अरमान, रह गये कुछ ऐसे निशां, किसानों के पास है सिर्फ ये उम्मीद की किरन

locationकानपुरPublished: Oct 10, 2019 07:55:47 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

कहीं मकानों के मलवे पड़े हैं तो कहीं किसानों के खेतों में सन्नाटा पसरा है।

बाढ़ की तबाही में बह गए अरमान, रह गये कुछ ऐसे निशां, किसानों के पास है सिर्फ ये उम्मीद की किरन

बाढ़ की तबाही में बह गए अरमान, रह गये कुछ ऐसे निशां, किसानों के पास है सिर्फ ये उम्मीद की किरन

कानपुर देहात-बाढ़ के समय जिले के मूसानगर, अमराहट व सिकंदरा क्षेत्र जो मंजर रहा। उसका अवशेष अब साफ दिखाई दे रहे हैं। बाढ़ के दौरान गांव के लेकर मजरों तक हर तरफ त्राहिमाम थी। मकान से लेकर खेत तक पानी मे डूबे होने से लोगों के अरमान भी धूमिल हो गए थे। अब बाढ़ तो उतर गई है, तो उस तबाही के निशान अब साफ दिख रहे हैं। कहीं मकानों के मलवे पड़े हैं तो कहीं किसानों के खेतों में सन्नाटा पसरा है। अब किसानों के पास सिर्फ मुआवजे की उम्मीद शेष बची है।
कानपुर देहात के भोगनीपुर तहसील के अमरौधा ब्लॉक से जुड़े बाढ़ प्रभावित यमुना तटवर्ती गांवों में बाढ़ आ जाने से कच्चे मकान और झोपड़ी गिर चुके हैं। अमरौधा ब्लॉक से जुड़े बाढ़ पीड़ितों में ग्राम टयोंगा एवं क्योंटरा के 3 दर्जन से अधिक ग्रामीणों के आशियाने, झोपड़ियां डूबकर नष्ट हो चुके हैं। यहां के इन किसानों की फसलें भी चौपट हो चुकी हैं। जिससे पशुओं के हरे चारे की किल्लत होने के साथ ही परिवारों के भरण पोषण की समस्या सामने आ गई है। सिर पर छाया के लिए मकान की उचित व्यवस्था नहीं है।
ग्रामीणों का आरोप है कि मुआवजा के लिए तहसील मुख्यालय में भी लिखित सूचनायें दर्ज करा चुके हैं। उपजिलाधिकारी राजीवराज ने बताया कि राजस्व कर्मियों को बाढ़ प्रभावित गांवों की क्षति पूर्ति रिपोर्ट तैयार कराए जाने के निर्देश दिए गए थे। राजस्व कर्मियों की रिपोर्ट आने पर सहायता संबंधी व्यवस्था कराई जाएगी।
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