2011 से इस खाते में पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) पेंशन के तौर पर हर महीने 1500 रुपये आते थे। जांच में सामने आया कि 28 दिसंबर 2020 तक पेंशन आई, लेकिन खाते से रुपये की निकासी नहीं हो रही थी। इसके चलते बैंक ने इसे इनऑपरेटिव सूची में डाल दिया था। वहीं 25 जनवरी को अर्शी खान नाम की लड़की एक महिला के साथ बैंक पहुंची और बताया कि उसके पिता मोहम्मद हलीम की मौत हो गई है।
उनके खाते का भुगतान करा दिया जाए। इस पर उसने तीन अलग अलग तिथियों में 23 जुलाई 2011, 20 अगस्त 2017 और 20 मार्च 2018 को नगर निगम से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र दिए। इसके बाद मामला समाज कल्याण विभाग पहुंचा। बैंक प्रबंधक परिचालन रोहित कांत मिश्रा ने बताया कि जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह की ओर से पत्र आया था। इसमें खाते में जमा रकम विभाग के खाते में भेजने को कहा गया था। शनिवार को 44 हजार से अधिक रुपये विभाग को लौटा दिए गए हैं।