दो मौतें होने के बावजूद विभागीय अफसर रहे शांत बताते चलें कि जिले के एआरटीओ कार्यालय अकबरपुर के पास करीब एक साल से बिना पंजीकरण के अंजली नर्सिंग होम संचालित हो रहा है। यहां बीती 2 जुलाई को लालपुर अकबरपुर की राजिया पत्नी गुलफाम की आपरेशन से प्रसव कराए जाने के बाद इसी अस्पताल में मौत हो गई थी। परिजनों के हंगामें के बाद भी जिम्मेदारों ने इस अस्पताल की पड़ताल पर ध्यान नहीं दिया था। 15 अक्टूबर को पतारी अकबरपुर स्थित मायके आई स्वरूप ग्राम दिवरी लहरापुर थाना सहायल औरैया निवासी सुदेश की गर्भवती पत्नी रेनू की भी इसी अस्पताल में डाक्टर के इंतजार में जान चली गई थी। परिजनों के हंगामे के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम को भेजकर छानबीन शुरू की तो इस अस्पताल के सीएमओ कार्यालय में पंजीकृत न होने की बात सामने आई। इससे सक्रिय हुए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने मुख्य चिकित्साधिकारी से कड़ी नाराजगी जता तत्काल कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया।
एसडीएम ने पहुंचकर कराया सीज इसके बाद एसडीएम सदर एके सिंह व डिप्टी सीएमओ डा. महेंद्र जटारिया ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर नर्सिंग होम को सीज कर दिया। डिप्टी सीएमओ ने संचालक के खिलाफ बिना पंजीकरण के नर्सिंग होम संचालित करने का मुकदमा दर्ज कराया। इधर रेनू के पिता रवीशंकर ने एसडीएम सदर को तहरीर देकर संचालक द्वारा आपरेशन के लिए बीस हजार रुपया जमा कराने तथा रसीद न देने सहित लापरवाही से पुत्री की मौत का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई। मामले में एसडीएम ने अकबरपुर पुलिस को पीड़ित का मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया। अकबरपुर कोतवाल ऋषिकांत शुक्ला ने बताया कि डिप्टी सीएमओ की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर छानबीन की जा रही है। उन्होने बताया कि रेनू के पिता की तहरीर पर भी मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई होगी।