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जनता ने दोबारा कमल खिला तय कर दिया इस सीट का भविष्य, कांग्रेस का ये दिग्गज प्रत्याशी पहुंचा तीसरे स्थान पर

locationकानपुरPublished: May 24, 2019 02:46:50 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

वैसे तो इस जनपद की सीमा को चार लोकसभाएँ छूती हैं। प्रत्येक लोकसभा की एक एक विधानसभा देहात के अंतर्गत आती है।

bhole singh

जनता ने दोबारा कमल खिला तय कर दिया इस सीट का भविष्य, कांग्रेस का ये दिग्गज प्रत्याशी पहुंचा तीसरे स्थान पर

कानपुर देहात-देश मे एक बार फिर चली मोदी आंधी ने कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी को किनारे लगा दिया। उधर बीजेपी की सत्ता को छीनने के लिए सपा बसपा का गठबंधन भी इस लहर में कमजोर पड़ गया। ऐसा ही जुनून कानपुर देहात की अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र में देखने को मिला। इस सीट का भौगोलिक परिदॄश्य बाद अजीब है, जिसकी एक विधानसभा रनियां-अकबरपुर तो कानपुर देहात में है, लेकिन 4 विधानसभाएं कानपुर नगर के अंतर्गत आती हैं। कहने का तात्पर्य प्रत्याशी की फतेह हासिल करने के लिए देहात सहित नगर के मतदाताओं को रिझाने के लिए दो जनपदों का भ्रमण करना पड़ता है। हालांकि वैसे तो इस जनपद की सीमा को चार लोकसभाएँ छूती हैं। प्रत्येक लोकसभा की एक एक विधानसभा देहात के अंतर्गत आती है।
जिले का भौगोलिक परिदृश्य

दरअसल कानपुर देहात में चार विधानसभाएं हैं। रनियां-अकबरपुर विधानसभा अकबरपुर लोकसभा में, सिकन्दरा विधानसभा इटावा लोकसभा में, भोगनीपुर लोकसभा जालौन गरौठा के अंतर्गत तो रसूलाबाद विधानसभा कन्नौज लोकसभा की सीमा में है। फिलहाल जिले की एकल लोकसभा अकबरपुर की सीट पर 2014 लोकसभा में भाजपा के देवेंद्र सिंह भोले ने जीत का परचम लहराने के बाद इस बार दोबारा भारी मतों से जीत हासिल कर कमल का फूल खिला दिया है। वहीं गठबंधन के सीट बंटवारे में बसपा के खाते में आई इस लोकसभा से जातिगत आंकड़ों को देखते हुए प्रत्याशी निशा सचान को उतारा गया था। बीते दिन 23 मई को हुई मतगणना में पहले राउंड से ही बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले ने अपने पांव जमा दिए और मतगणना के अंतिम चरण तक उन्होंने करीब पौने 3 लाख की भारी भरकम जीत हासिल कर गठबंधन के जातिगत आंकड़ों को लंबी चपत लगा दी।
प्रत्याशियों ने इस आधार पर झोंकी ताकत

लोकसभा के देहात क्षेत्र के पाल वर्ग व नगर के सवर्ण सहित अन्य पिछड़ा वर्ग पर दांव खेलने वाले कांग्रेस के राजाराम पाल को जनता ने नकार दिया और पूरी मतगणना चक्र में तीसरे पायदान पर ही टिके रहे। हालांकि नए परिसीमन में 2009 में बनी अकबरपुर लोकसभा से कांग्रेस की टिकट से राजाराम पाल सांसद बने थे। 2014 में भोले सिंह के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी द्वारा एक बार दांव आजमाने के बावजूद राजाराम को करारी शिकस्त खानी पड़ी। हालांकि दोनों जनपदों में चल रही मतगणना को लेकर मतदाताओं में ऊहापोह की स्थिति बनी रही। फिर भी लोग विधानसभा स्तर के रुझान लेकर अपना जोड़ घटाना लगाते रहे। दोपहर करीब डेढ़ बजे जब बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले 117522 मतों से निशा सचान से आगे हो गए तो समर्थकों ने जीत तय मान हर्ष मनाते हुए बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया।
इतने मतों को लेकर करना पडा संतोष

फिलहाल देर शाम तक चली मतगणना में ईसीआई साइट के अनुसार बीजेपी से देवेंद्र सिंह भोले ने 275142 मत पाकर जीत दर्ज की। वहीं गठबंधन से निशा सचान को 306140 मतों से संतोष करना पड़ा। कांग्रेस के राजाराम पाल को 108341 मत ही प्राप्त हुए। चौथे स्थान पर रहे आधुनिक भारत पार्टी के अमित त्रिपाठी को 1976, अशोक पासवान सभीजन पार्टी को 866, महेंद्र सिंह यादव प्रसपा को 2047, रवि सचान जनता दल को 1028, प्रो रामगोपाल संखवार राष्ट्रीय जनउत्थान पार्टी को 776, सौरभ मिश्रा भारतीय शक्ति चेतना पार्टी को 2940 सहित निर्दलीय रहे अरुण कुमार को 1578, नीरज कुमार पासी को 1627, मनोज गुप्ता को 3270, विकास त्रिपाठी को 2234, सुनील कुमार को 3215 मत मिले। वहीं इस बार 7994 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है।
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