रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी पर स्टेशन मास्टर राघवेंद्र प्रताप मौजूद थे। सुबह 6.34 बजे अप ट्रैक में स्टार्टर सिग्नल से सिग्नल नंबर 501 के बीच सिग्नल फेल हो गया। इस पर स्टेशन मास्टर ने पीडब्लूआई राम इकबाल को सूचना दी। पीडब्लूआई तत्काल गैंगमैन टीम को लेकर पेट्रोलिंग शुरू की। इस दौरान सिग्नल फेल होने से लाल था जिसकी वजह से दिल्ली की ओर जा रही विक्रमशिला, राजधानी व कोटा पटना को वॉकी टाकी के सहारे कॉशन देकर धीमी गति से निकाला गया। इसी बीच पेट्रोलिंग कर रहे वेल्डर देशराज ने खम्भा नंबर 1062/31-33 पर चटकी पटरी देखी। यह देख उसके भी होश उड गये। पटरी चटकने की जानकारी तत्काल स्टेशन मास्टर को दी गई।
इसके बाद 7.30 बजे पटरी मरम्मत का काम शुरू कराया गया। इसी बीच 7.40 बजे दिल्ली की ओर जा रही ओखा एक्सप्रेस आ गई तो उसे रूरा स्टेशन पर रोक लिया गया। सूचना के बाद पटरी मरम्मत के लिये पीडब्लूआई टीम को भेजा गया। पटरी मरम्मत कर क्लंप बांधे गए, इसके बाद 8.15 बजे स्टेशन पर खड़ी ओखा एक्सप्रेस को 10 किलोमीटर गति के कासन से निकाला गया। इसके बाद धीरे धीरे ट्रेनो को गुजारा गया। पीडब्लूआई ने बताया कि पटरी मरम्मत कर 45 मिनट में रेल यातायात सुचारू कर दिया गया। स्टेशन अधीक्षक एसएस पाल ने बताया कि पटरी दुरुस्त कर 30 किमी के कासन पर ट्रेन निकाली जा रही हैं।