बैठक में कहा गया कि मस्जिदों में निकाह (Nikah) करें ताकि लड़की पक्ष पर खर्च का बोझ न पड़े। उलमा लोगों को बताए कि अच्छा निकाह वही है जिसमें खर्च कम हो। कहा गया कि दहेज लोभियों का बहिष्कार (Dahej Virodh) करने के साथ उनके खिलाफ जल्द प्रस्ताव पास किया जाएगा। शहर काजी मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही ने जोरदार तरीके से कहा कि दहेज की कुप्रथा को रोकने के लिए मुहिम शुरू की जाएगी। कहा कि शादियों में फिजूलखर्ची न करें, निकाह मस्जिदों में करें।
उन्होंने कहा कि काजी उल कुज्जात के फैसले के मुताबिक बैंड बाजे वाली शादियों में काजी निकाह नहीं पढ़ाएंगे। नायब शहरकाजी कारी सगीर आलम हबीबी ने कहा कि सिर्फ बयान देने से बात नहीं बनेगी, इसके लिए उलमा को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। इस मुद्दे पर मस्जिदों के इमाम महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। मुफ्ती रफी अहमद निजामी ने कहा कि जो दहेज लोभियों की शादी में निकाह पढ़ाएंगे, उनके खिलाफ प्रस्ताव लाया जाएगा। बैठक में महबूब आलम खान, मौलाना गुलाम मुस्तफा, मौलाना जकाउल्लाह, इस्लाम खान आजाद सहित अन्य लोग मौजूद रहे।