अईआईटी-केजीएमयू ने तैयार किया कारगर हथियार, बुलेट से क्षतिग्रस्त चेहरे को ठीक करेगा पाउडर
सिंथेटिक पाउडर से तैयार कर रहे हड्डियां, इंसान के क्षतिग्रस्त शरीर को इसी के जरिए ठीक किया जाएगा

कानपुर, अगर किसी इंसान के चेहरे में बुलेट लग जाए और उसकी हड्डियां क्षतिग्रस्त हो जाएं तो उनको घबराने की जरूरत नहीं। कानपुर आईआईटी और केजीएमयू ने मिलकर सिंथेटिक पाउडर से हड्डियों का निर्माण कर रहे हैं, जिसकी मदद से पीड़ित के शरीर के किसी भी पार्ट को इसके जरिए भरा जा सकता है। इसके अलावा उस पाउडर से बनी हड्यिं का इस्तमाल कैंसर और ट्यूमर जैसी बीमारियों में भी डॉक्टर कर सकते हैं। मैक्सिलोफिशियल विभाग के डॉक्टर दिव्य मेहरोत्रा ने बताया कि इंसान के गाल, जबड़े या शरीर के अन्य पार्ट में गोली लगने, कैंसर या ट्यूमर हो जाए तो डॉक्टर ऑपरेशन के बाद क्षतिग्रस्त हड़्डियों को निकाल देते हैं, जिससे उसका चेहरा पिचक जाता है जो देखने में खराब लगता है। पर सिंथेटिक से बनी हड्डियों से उस जगह को पुनः भरा जा सकेगा।
ऑपरेशन के बाद नहीं निकालनी पड़ेंगी हड्डियां
आईआईटी कानपुर और केजीएमयू के साइंटिस्ट ने एक ऐसा सिंथेटिक पाउडर बनाया है जो शरीर के अंदर टूटी हड्डियों को ठीक करेगा। अब पीड़ित की हड्डियां निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी उसे इसी पाउडर से तैयार हड्डियों के जरिए भरा जाएगा। दंत संकाय के डीन शदाब मोहम्मद ने बताया कि चेहरे में बंदूक की गोली की चोट से भी हड्डी क्षतिग्रस्त हो जाती है। ऐसे में यह हड्डी के लिए काफी मददगार साबित होगा। मजबूत होने के साथ ही इसका मरीज की सेहत पर कोई विपरीत प्रभाव नही ंपड़ेगा। यह मानव शरीर की हड्डी के समान होगी। यह पाउडर इंसान की चूर हो चुकी हड्डियों में भी काम आएगी।
पाउडर से बनेगी हड्डी
मैक्सिलोफिशियल विभाग के डॉक्टर दिव्य मेहरोत्रा ने बताया कि पाउडर से हड्डियों का निर्माण किया जाएगा। इससे कैंस व ट्यूमर के ऑपरेशन में भी इस खास तरह के सिंथेटिक पाउडर से तैयार हुई हड्डी का इस्तमाल किया जा सकेगा। डॉक्टर मेहरोत्रा ने बताया कि संस्थान ने हड्डी निर्माण के लिए सिंथेटिक पाउडर तैयार करने में काफी हउ तक कामयाबी हासिल की है। डॉक्टर मेहरोत्रा के मुताबिक अगर किसी इंसान के चेहरे में बंदूक की गोली लग जाती है और उसका जबड़ा क्षतिग्रसत हो जता है तो जबड़े व गाल आदि की हड्डियों के निकालने की जरूरत पड़ती है। साथ ही ऑपरेशन के दौरान इंसान का चेहरा पिचक जाता है, जो देखने में ठीक नहीं लगता। उसे भरने के लिए मरीज का दोबारा ऑपरेशन करना जो कारगर नहीं होता। इन्हीं सब समस्याओं से निपटने के लिए सिंथेटिक पाउडर से तैयार हड्डियों से इंसानों का इलाज हो सकेगा।
कैंसर के लिए भी कारगर
डॉक्टर मेहरोत्री ने बताया कि किसी के गाल व जबडे में कैंसर हो जाता है तो उसे डॉक्टर ऑपरेशन के जरिए ठीक करते हैं। इससे कैंसर का असर हड्डी तक पहुंच जाता है। मरीज को बचाने के लिए डॉक्टरों को हड्डी भी निकालनी पड़ती है। ऐसे में मरीज का चेहरा देखने में खराब लगने लगता है। इन्हीं दुश्वारियों से मरीजों को बचाने के लिए सिंथेटिक हड्डी के निर्माण की दिशा में रिसर्च चल रहा है। डॉक्टर मेहरोत्रा ने बताया कि कि सिंथेटिक पाउडर से तैयार हड्डी का शरीर पर रिएक्शन किसी भी कीमत पर नहीं हो सकता। पाउडर से तैयार होने वाली हड्डी को आसानी से आकार भी दिया जा सकता है। डॉक्टर मेहरोत्रा ने बताया कि शोध अपने अंतिम चरण में है और मई तक सिंथेटिक पाउडर से तैयार हड्डियां बाजार में उपलब्ध होंगी।
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