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सिकंदरा में हार के बाद अखिलेश का बड़ा कदम, कानपुर नगर-ग्रामीण अध्यक्ष पर गिरा दी गाज

locationकानपुरPublished: Dec 28, 2017 04:20:39 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

उत्तर प्रदेश के विधानसभा और निकाय के बाद सिकंदरा में पार्टी की हार के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खासे नाराज बताए जा रहे हैं।

Akhilesh Yadav

Akhilesh Yadav

कानपुर. उत्तर प्रदेश के विधानसभा और निकाय के बाद सिकंदरा में पार्टी की हार के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खासे नाराज बताए जा रहे हैं। इसी के चलते बुधवार को कानपुर नगर व देहात के जिलाध्यक्षों को पद से हटाकर नए नेताओं के हाथों में जिले की कमान सौंप दी है। साथ ही संगठन में बैठे अन्य पदाधिकारियों पर जल्द गाज गिरने की बात भी सामने निकल कर आ रही है। निकाय और सिकंदरा उपचुनाव में भीतरघात की बात कई प्रत्याशियों ने की थी तो एक रिपोर्ट बनाकर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को सौंपी गई। प्रदेश अध्यक्ष ने अखिलेश यादव से सहमति लेने के बाद प्रदेश के कई नेताओं पर कार्रवाई कर दी।
भीतरघातियों की लिस्ट पहुंची लखनऊ-
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी लगातार चुनाव हार रही है। जिसके कारण दल में कई नेता हार के पीछे संगठन में बैठे नेताओं पर आरोप लगा उन्हें पार्टी से बाहर करने की बात कह रहे हैं। इसी के बाद बुधवार को कानपुर नगर अध्यक्ष फजल महमूद और ग्रामीण महेंद्र सिंह यादव को हटा दिया गया। इनकी जगह नगर से मोइन खान तो ग्रामीण रघवेंद्र सिंह यादव सपा की बागडोर संभालेंगे। साथ ही निकाय चुनाव के दौरान जिन-जिन नेताओं ने भीतरघात किया है उनकी सूची भी प्रदेश अध्यक्ष के जरिए अखिलेश यादव तक पहुंच गई है और जल्द ही उन पर भी कड़ी कार्रवाई की बात निकल कर सामने आ रही है। नगर अध्यक्ष बनने के बाद मुईन खान ने कहा कि निकाय में पार्टी की हार के बाद नए तरीके से संगठन और वार्ड स्तर पर अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। हर मोहल्ले और गली में सपा के एजेंट रखे जाएंगे जो चुनाव के वक्त मतदाताओं को बूथों तक पहुंचाएंगे। साथ ही समाजवादी की विचारधारा को घर-घर तक ले जाएंगे।
अखिलेश को बताई हकीकत, तब की कार्रवाई
समाजवादी पार्टी के अंदर तो पिछले डेढ़ साल से संग्राम चल रहा है, लेकिन कानपुर संगठन में बैठे नेताओं के बीच जमकर रार थी। निकाय चुनाव के वक्त फजल महमूद पुराने व जिताऊ कैंडेडेट के टिकट काटकर अपने करीबियों को साइकिल थमा रहे थे। उस वक्त फजल महमूद के साथ विधायक इरफान खेड़े थे और इन्हीं के कहने पर टिकट दिए गए। उस दौरान आर्यनगर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी अपने समर्थकों के साथ सपा कार्यालय में फजल महमूद से भिड़ गए थे और गुस्से में उठकर चले गए। दूसरे दिन टिकट वितरण के वक्त कार्यालय में दोनों गुट के नेता आमने-सामने आ गए और खूब हंगामा काटा। कार्यालय के बाहर आग लगा दी। मतगणना के बाद जैसे ही सपा का सूपड़ा साफ हुआ वैसे ही विधायक पूरी रिपोर्ट लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास पहुंच गए और फजल महमूद को हटाने की मांग करने लगे।
युवा नेता के हाथ पर ग्रामीण की कमान
बिठूर निवासी व पूर्व छात्र नेता राघवेंद्र सिंह को महेंद्र सिंह यादव की जगह ग्रामीण का अध्यक्ष बनाया गया है। राघवेंद्र एचडी कॉलेज से छात्रसंघ का चुनाव जीतकर अध्यक्ष चुने गए थे। साथ ही सयुस के प्रदेश सचिव रहे हैं। राघवेंद्र ने बताया कि पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने की बड़ी जिम्मेदारी हमें दी गई है। अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर नेता जी व राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए 2019 में यूपी से पार्टी को जीत दिलवाने के लिए जुट जाएंगे। राघवेंद्र ने बताया कि वरिष्ठ साथियों का मार्गदर्शन और युवाओं को लेकर हम आगे बड़ेंगे और सूबे में फिर से साइकिल दौड़ाएंगे। वहीं इन बदलाव के बाद सपाइयों के अंदर हड़कंप मचा है और सभी की नजर लखनऊ पर लगी है।
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