सजा के बाद उपचुनाव
भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) से विधायक रहे अशोक चंदेल (Ashok Chandel) को हत्याकांड के मामले पर उम्रकैद की सजा होने के बाद हमीरपुर विधानसभा सीट (Hamirpur Assembly Seat) के लिए उपचुनाव होने हैं। बसपा चीफ ने इस सीट से कानपुर जोन के पूर्व कोआर्डिनेटर नौशाद अली को टिकट दिया है तो अखिलेश यादव ने मनोज प्रजापति को साइकिल का हैंडिल थमा कर बुंदेलखंड की इस सीट पर कब्जे के लिए उतार दिया है। जबकि भाजपा ने यहां से युवराज सिंह को टिकट दिया है। जानकारों का मानना है कि अखिलेश के इस प्लाॅन के चलते अब लड़ाई सपा व भाजपा के बीच हो सकती है।
40 फीसदी मुस्लिम मतदाता
ळमीरपुर सीट में करीब 40 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं जो जीत-हार में अहम रोल अदा करते हैं। नौशाद अली के उतरने के बाद समाजवादी पार्टी इस वोटबैंक को बिखराव को रोकने के लिए इरफान सोलंकी, फजल महमूद, मुईन खान, झांसी से असफान सिद्दीकी, चैधरी असलम शेरखां, सलीम खान, छोटे कुरैशी, जालौन से इरशाद हुसैन, अजहर बेग, बांदा से हसनुद्दीनक सिद्दीकी, शमीम बांदवी, शकील अली, मुशीर अहमद फारुखी, महोबा से बाबू मंसूरी, तारिक सिद्दीकी बाबा, फतेहपुर से रजा चेयरमैन, रफी अहमद को जीत दिलाने की जिम्मेदारी दी है। सभी मुस्लिम नेता हमीरपुर में अल्पसंख्यक क्षेत्रों में मतदान के दिन तक रहकर पार्टी प्रत्याशी के लिए प्रचार करेंगे।
23 को पड़ेंग मत
चुनाव आयोग ने हमीरपुर में उप चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। यहां 23 सितंबर को मतदान होगा। जबकि 27 सितंबर को परिणाम आएगा। नामांकन की आखिरी तारीख 4 सितंबर थी। हमीरपुर से भाजपा विधायक रहे अशोक चंदेल की विधानसभा सदस्यता खत्म होने के बाद यह सीट खाली हुई थी। चुनाव आयोग ने कहा है कि 19 अप्रैल 2019 से हमीरपुर सीट खाली मानी गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में चुनाव आयोग ने यह अधिसूचना जारी की है।
हत्या के मामले में जेल में हैं चंदेल
भाजपा विधायक रहे अशोक चंदेल पर 22 साल पहले 1997 में हमीरपुर निवासी राजीव शुक्ला के दो भाई व एक भतीजे समेत 5 लोगों की गोली मारकर हत्या का आरोप था। 19 अप्रैल को हाईकोर्ट ने अशोक चंदेल को आजीवन कारावास की सजा को हाईकोर्ट ने बरकार रखने का आदेश दिया था। 13 मई को विधायक ने सरेंडर कर दिया था। इसके बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने विधानसभा के प्रमुख सचिव व प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखा था, जिसमें अशोक चंदेल की विधान सभा सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई थी।