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भाजपा-कांग्रेस के गढ़ पर अखिलेश की नजर, साइकिल दौड़ाने के लिए रचा चक्रव्यूह

locationकानपुरPublished: Mar 26, 2019 04:32:25 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

कानपुर सीट के लिए अखिलेश यादव ने पदाधिकारियों को बुलाया लखनऊ, बैठक कर उम्मीदवार के बारे में उनसे जानी राय, भाजपा के प्रत्याशी के बाद खोलेंगे पत्ते।

akhilesh yadav meeting for lok sabha elections 2019

भाजपा-कांग्रेस के गढ़ पर अखिलेश की नजर, साइकिल दौड़ाने के लिए रचा चक्रव्यूह

कानपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की नजर भाजपा और कांग्रेस के गढ़ कानपुर में लग गई है। वो 2019 में पहली बार यहां साइकिल दौड़ाने के लिए रणनीति बना रहे हैं। इसी के चलते सपा प्रमुख ने नगर व ग्रमीण क्षेत्र के संगठन के पदाधिकारियों को लखनऊ बुलाया। करीब दो घटे तक चली बैठक के दौरान नेताओं ने नगर संसदीय क्षेत्र से किसी एक उम्मीदवार का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष को नहीं सुझा पाए। बाद में अखिलेश ने कहा कि तो अब वह खुद तय कर लेंगे कि किसको टिकट देना है जिसे टिकट मिलेगा उसे सबको मिलकर लड़ाना पड़ेगा।

खुद लगाएंगे मुहर
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव बसपा के साथ गठबंधन होने के बाद कानपुर नगर सीट पर कब्जे के लिए रणनीति बना रहे हैं। सपा प्रमुख ने सोमवार को यहां के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे उम्मीदवारों के नाम पूछे। पर एक दावेदार पर सहमति नहीं बनने पर अखिलेश यादव खुद जिताऊ कंडीडेट के नाम पर मुहर लगाएंगे। इसके लिए अखिलेश यादव भाजपा के उम्मीदवार के ऐलान के बाद अपने पत्ते खोलेंगे। जानकारों की मानना है कि सपा प्रमुख ने दो नाम तय कर रखेंगे। इनमें से एक ब्राम्हण तो दूसरा वैश्य चेहरा है।

कांग्रेस ने श्रीप्रकाश को दिया टिकट
कांग्रेस पार्टी ने तीन बार के सांसद व पूर्व मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को यहां से टिकट देकर चुनाव के मैदान में उतार दिया है। 2014 के चुनाव में पूर्व मंत्री भाजपा के कद्दावर नेता डाॅक्टर मुरली मनोहर जोशी से चुनाव हार गए थे। वहीं विधानसभा चुनाव में 10 में 7 सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया था। एक सीट कांग्रेस ने जीती थी तो दो पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी विजयी हुए थे। कैंट सीट जिसे मुस्लिम बाहूल्य माना जाता है, वहां से सपा के समर्थन से कांग्रेस के सोहेल अंसारी ने भाजपा को हराया था। निकाय चुनाव में सपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था। माया गुप्ता करीब सवा लाख वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहीं थीं।

बैठक कर चला मंथन
सपा नेताओं ने कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी से उम्मीदवार के संबंध में राय ली। इस मौके पर अधिकांश नेताओं ने कहा कि नगर सीट से अगर भाजपा ब्राह्मण प्रत्याशी उतारती है तो अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक या दलित समुदाय के किसी नेता को पार्टी गठबंधन का उम्मीदवार बनाए। अगर भाजपा किसी और जाति के नेता को प्रत्याशी बनाती है तो सपा ब्राह्मण प्रत्याशी को उतारे। इसके साथ ही सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अन्य दलों की चुनावी रणनीति को लेकर पार्टी नेताओं से मशविरा किया। सूत्रों की मानें तो सपा प्रमुख ने दो नेताओं के नाम तय कर रखें। दोनों कांग्रेस से जुड़े हैं। भाजपा के उम्मीदवार घाषित होने के बाद इन्हीं में से एक को सपा प्रत्याशी बनाएगी।

ये रहे जातिगत मतदाता
महानगर में इस समय सामान्य जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 5 लाख 20 हजार है। इसमें से ब्राह्मणों की संख्या करीब तीन लाख है। क्षत्रिय करीब एक लाख, वैश्य 90 हजार से ज्यादा, कायस्थ 39 हजार से ज्यादा हैं। दूसरे नंबर के मतदाताओं में अनुसूचित जातियां आती हैं, जिनकी संख्या करीब 3 लाख 80 हजार है। तीसरे स्थान पर पिछड़ी जातियां हैं। 2 लाख 90 हजार हैं। जबकि अल्पसंख्यकों की संख्या 4 लाख के आसपास है। इस सीट में 33 लाख 97 हजार 5 सौ 40 मतदाता हैं। इनमें आधी आबादी की संख्या 15 लाख 38 हजार 5 सौ 46 है। गोविंद नगर, सीसामऊ, आर्यनगर, किदवई नगर और कैंट विधानसभा क्षेत्र के मतदाता कानपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए वोट डालेंगे।

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