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इस सीट पर सपा-बसपा का कभी नहीं खुला खाता, पहली जीत के लिए अखिलेश ने जाल बुना

locationकानपुरPublished: Mar 22, 2019 02:00:48 am

Submitted by:

Vinod Nigam

कानपुर लोकसभा सीट पर कभी नहीं जीती समाजवादी और बसपा, 2019 के सियासी दंगल को फतह करने के लिए जुटे सपा प्रमुख, उतारनें जा रहे ये कैंडीडेट।

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इस सीट पर सपा-बसपा का कभी नहीं खुला खाता, पहली जीत के लिए अखिलेश ने जाल बुना

 

कानपुर। गंगा के किनारे बसा औद्योगिक शहर कानपुर देश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों मे से एक है। एक दौर थ जब इसे इसे ’पूर्व का मैनचेस्टर’ कहा जाता था। लेकिन राजनीतिक दलों की उपेक्षा के चलते शहर गरीब, रोगी, मैला और अपराध का गढ़ बन गया। यहां से छह बार कांग्रेस के नेता चुनकर संसद पहुंचे तो चार दफा कमल को लोगों ने जिताया। अब 2019 के सियासी संग्राम छिड़ चुका है और पूर्वमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल पंजे का सिंबल लेकर चुनाव के मैदान में उतर चुके हैं तो वहीं समाजवादी पार्टी भी पहली बार यहां साइकिल दौड़ाने के लिए रणनीति बना रही है। अखिलेश यादव इस वीवीआईपी सीट पर कब्जे के लिए एक कांग्रेस नेता पर दांव लगा सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो यहां दिलचस्प मुकाबला देखनें को मिल सकता है।

महिला को दे सकते हैं टिकट
कानपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने तीन बार के सांसद श्रीप्रकाश जायसवाल पर भरोसा जताते हुए उन्हें चुनाव के मैदान में उतार दिया है तो वहीं शिवपाल यादव ने भी राजीव मिश्रा को अपनी पार्टी का प्रत्याशी बनाया है। जबकि भाजपा वर्तमान सांसद डाॅक्टर मुरली मनोहर के बजाए दूसरे चेहरे पर दांव लगा सकती है। इसी बीच अखिलेश यादव भी पहली बार सपा को जितानें के लिए जुटे हुए हैं। जानकारों की मानें तो सपा मुखिया इस सीट पर कांग्रेस के कद्दावर ब्राम्हण समाज के नेता की पत्नी को टिकट देकर चुनाव को रोचक बनाने जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के कानपुर नगर से एक विधायक हैं। निकाय चूनाव में सपा ने बेहतर प्रदर्शन किया था।

ये रहे जातिगत मतदाता
महानगर में इस समय सामान्य जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 5 लाख 20 हजार है। इसमें से ब्राह्मणों की संख्या करीब तीन लाख है। क्षत्रिय करीब एक लाख, वैश्य 90 हजार से ज्यादा, कायस्थ 39 हजार से ज्यादा हैं। दूसरे नंबर के मतदाताओं में अनुसूचित जातियां आती हैं, जिनकी संख्या करीब 3 लाख 80 हजार है। तीसरे स्थान पर पिछड़ी जातियां हैं। 2 लाख 90 हजार हैं। जबकि अल्पसंख्यकों की संख्या 4 लाख के आसपास है। ऐसे में सपा मुखिया भाजपा के प्रत्यशी की घोषणा के बाद ही अपने पत्ते खोंलेगे। जानकारों का मानना है कि भाजपा 2019 में यूपी के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना को टिकट दे सकती है। ऐसा हुआ तो अखिलेश यादव अपने चाचा की तरफ यहां पर ब्राम्हर्ण चेहरे पर ही दांव लगाएंगे।

इसलिए वीवीआईपी सीट में गिनती
कानपुर नगर सीट में जहां 33 लाख 97 हजार 5 सौ 40 मतदाता हैं। इनमें आधी आबादी की संख्या 15 लाख 38 हजार 5 सौ 46 है। कानपुर के लोग तीन लोकसभा क्षेत्र के लिए मतदान करेंगे। गोविंद नगर, सीसामऊ, आर्यनगर, किदवई नगर और कैंट विधानसभा क्षेत्र के मतदाता कानपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए वोट डालेंगे। बिठूर, कल्याणपुर, महाराजपुर और घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता अकबरपुर लोकसभा के लिए मतदान करेंगे। बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र के लिए वोट करेंगे। इसी के चलते कानपुर सीट को वीवीआईपी की श्रृेणी में गिना जाता है। जिसने भी इस सीट पर कब्जा किया, उसके खाते में अन्य करीब आधा दर्जन सीटें आना लगभग-लगभग तय माना जाता है।

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