कानपुर

सावधान : आपकी कमाई में सेंध लगाने के नए तरीके खोजे शातिर टप्पेबाजों ने

आज के हाईटेक होते समय में लगभग सभी के पास डेबिट और क्रेडिट कार्ड हैं. ये वो कार्ड हैं जो हमें किसी भी तरह के ट्रांजेक्शन की सुविधा देते हैं, लेकिन शातिर अपराधी आम लोगों की जरा सी लापरवाही का फायदा उठाकर इस सुविधा को ही उनके लिए असुविधा बना रहे हैं. शातिर अपराधियों ने पिछले कुछ दिनों के दौरान साउथ सिटी में लाखों रुपए की धोखाधड़ी की.

कानपुरNov 22, 2018 / 09:07 am

आलोक पाण्डेय

सावधान : आपकी कमाई में सेंध लगाने के नए तरीके खोजे शातिर टप्पेबाजों ने

कानपुर। आज के हाईटेक होते समय में लगभग सभी के पास डेबिट और क्रेडिट कार्ड हैं. ये वो कार्ड हैं जो हमें किसी भी तरह के ट्रांजेक्शन की सुविधा देते हैं, लेकिन शातिर अपराधी आम लोगों की जरा सी लापरवाही का फायदा उठाकर इस सुविधा को ही उनके लिए असुविधा बना रहे हैं. शातिर अपराधियों ने पिछले कुछ दिनों के दौरान साउथ सिटी में लाखों रुपए की धोखाधड़ी की. इस मामले पर जब पुलिस और साइबर एक्सपर्ट से बातचीत की गई तो कुछ अहम बात सामने आईं. वो ये कि ऐसी घटना से बचने के लिए लोगों को भी स्मार्ट बनने के साथ ही साथ जागरूक भी होना होगा. तभी कहीं जाकर जालसाजों के मंसूबों पर पानी फेरा जा सकेगा.
ऐसी मिली है जानकारी
इस क्रम में बात करें तो पिछले मंगलवार को साउथ सिटी के बर्रा हरदेवनगर निवासी रोहित सिंह ने क्रेडिट कार्ड से फ्रॉड का मामला बर्रा थाने में दर्ज कराया. पीडि़त के अनुसार उनके पास बजाज फाइनेंस के आरबीएल बैंक का क्रेडिट कार्ड है. उनके मोबाइल पर एक कॉल आया, जिसने उन्हें 10,000 रिवार्ड प्वाइंट (बैंक की ओर से अपने ग्राहकको कार्ड इस्‍तेमाल से शॉपिंग करने पर मिलने वाले प्वाइंट्स, जिसकी मदद से आप मोबाइल रिचार्ज या शॉपिंग कर सकते हैं.) मिलने की बात बताई. इसके बाद कॉलर ने उनसे उनके कार्ड का नंबर, ओटीपी व सीवीवी नंबर भी पूछ लिया.
आखिर में कॉलर ने दी धमकी भी
फिर क्‍या था, तुरंत ही उनके अकाउंट से 10000 रुपए अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिए गए. इसके बाद जब पीड़ित ने दोबारा उसी नंबर पर फोन कर पुलिस से शिकायत करने की बात कही, तो कॉलर ने उसे कुछ भी कर लेने की धमकी दे दी.
अब हैं कई तरीके
धोखाधड़ी के लिए ये शातिर अब कुछ ज्‍यादा ही स्‍मार्ट हो गए हैं. इसके लिए कार्ड धारक के पास फोन कर उससे कार्ड संबंधी सभी जानकारियां हासिल करना उनके लिए बेहद आसान हो गया है. यही नहीं एटीएम से रुपए निकालने के दौरान किसी संदिग्ध की ओर से पीडि़त का एटीएम कार्ड बदल देना तो इनके दाएं हाथ का खेल बन चुका है. ऐसे में एटीएम से रुपए निकालने के दौरान मदद के बहाने वे बहाने से एटीएम से पैसे निकाल ले लेते हैं. एटीएम कार्ड का डुप्लीकेट कार्ड तैयार करके बैंक खाते से पैसा निकाल लिए जाते हैं. स्कीमर कार्ड रीडर की मदद से एटीएम यूजर को उसकी जानकारी के बिना ही चूना लगा दिया जाता है.
ये है स्कीमर कार्ड रीडर
पुलिस के अनुसार सभी तरीकों में पीडि़त को उसके ठगे जाने का कहीं न कहीं अंदाज हो जाता है. वहीं स्कीमर कार्ड रीडर की मदद से जिनके साथ ठगी होती है, उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं हो पाती है. उन्होंने बताया कि यह एक ऐसी डिवाइस है, जिसे शातिर एटीएम मशीन में कार्ड इंसर्ट करने वाली जगह पर कवर की तरह फिट कर देते हैं. जब कस्टमर कार्ड को मशीन में इंसर्ट करता है तो स्कीमर कार्ड रीडर कार्ड की सारी डिटेल रीड कर अपनी मेमोरी में सेव कर लेता है. इसके बाद यूजर जो कोड डालता है, शातिर उसे भी की-पैड के ऊपर लगे एक कैमरे की मदद से चुरा लेते हैं. इसके बाद वो आसानी से कस्टमर के अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं.
ऐसे बचना होगा फ्रॉड से
इसके लिए सबसे पहले ध्‍यान दें कि कभी भी किसी को अपने अकाउंट, अपने एटीएम कार्ड से संबंधित जानकारी न दें. आपके मोबाइल पर बैंक की ओर से भेजा जाने वाला ओटीपी नंबर किसी से शेयर न करें. बैंकों की गाईडलाइन के अनुसार एटीएम इस्‍तेमाल करते वक्त आपके अलावा केबिन में कोई नहीं होना चाहिए. ऐसे में अगर ऐसा है तो इसकी शिकायत वहां मौजूद गार्ड या हेल्पलाइन नंबर पर करिए. एटीएम मशीन में अपना कार्ड इंसर्ट करने से पहले उसके कवर को हाथों से चेक कर लें. की-पैड के ठीक ऊपर अगर कोई संदिग्ध वस्तु लगी नजर आए तो फौरन इसकी पुलिस के पास शिकायत करें.
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