विभाग के बेवपोर्टल पर शिक्षकों के सर्विस रिकार्ड से लेकर गोपनीय वार्षिक प्रविष्टि भी अंकित की जाएगी। एमडीएम की धनराशि में हेरफेर करने में लगाम लग सकेगी। शिक्षकों की स्कूलों में समय से उपस्थिति हो, इसके लिए पोर्टल के जरिये ही ऑनलाइन हाजिरी ली जाएगी। साथ ही परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को शासन की तरफ से मिलने वाली निशुल्क पुस्तकें, ड्रेस, जूते मोजे व एमडीएम आदि सहूलियतें दी जा रही हैं। इन सभी योजनाओं की निगरानी विभागीय अफसरों के अतिरिक्त प्रशासनिक अफसरों के द्वारा की जाती है।
फिलहाल अभी विभाग की तरफ से एमडीएम के लिए ऑनलाइन निगरानी की जा रही है। प्रदेश मुख्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम से हर रोज स्कूलों में एमडीएम खाने वाले बच्चों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है। जबकि ऑनलाइन व्यवस्था लागू होने से छुट्टी से लेकर अन्य कामो के लिए शिक्षकों को छुटकारा मिल सकेगा। अब छुट्टी के लिए शिक्षक द्वारा ऑनलाइन आवेदन करते ही अवकाश स्वीकृत होगा। फिलहाल अभी लखनऊ, बाराबंकी और कानपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत योजना संचालित है। अब कानपुर देहात में भी तैयारियां चल रही हैं।