कानपुर

स्टार और परिवार के आगे कार्यकर्ता बेचारा बनकर बिछा रहा दरी

अमितभ बच्चन कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर प्रयागराज से लड़े थे लोकसभा का चुनाव, 2019 में एक्टर और प्लेयर आजमा रहे हैं चुनावी अखाड़े में किस्मत।

कानपुरMay 08, 2019 / 04:16 pm

Vinod Nigam

स्टार और परिवार के आगे कार्यकर्ता बेचारा बनकर बिछा रहा दरी

कानपुर। इस समय पूरे देश में लोकसभा चुनाव अपने चरम पर है। मतदान के पांच चरण पूरे हो चुके हैं और सरकार बनने की गणित पर चर्चाएं तेज हो गयी हैं। पर 2019 का चुनाव स्टार और परिवारवाद के नाम से जाना जाएगा। अधिकती दलों ने फिल्मी कलाकारों के अलावा खेल से जुड़े लोगों को नेता बना उन्हें टिकट थमा सियासी अखाड़े में उतारा है। उधर कार्यकर्ता कई सालों से टिकट की उम्मीद से जमीन पर खून पसीना बहाता रहा, लेकिन उसके हाथ निराशा लगी और बेचारा बनकर चुनावी रैली में सिर्फ दरी बिछा रहा है।

90 के दशक में एंट्री
सात बार के विधायक रहे भगवती शरण विशाद कहते हैं कि 90 के दशक में राजनीति में फिल्मी कालाकार, खेल से जुड़े लोग और परिवारवाद आया। इसके पहले राजनीतिक दल अपने जुझा़रू कार्यकर्ता को टिकट देकर चुनाव के मैदान में उतारते थे। लेकिन आज के दौर में इसका उलटा है। कभी किसी बड़े नेता के पुत्र,पत्नी, भाई या ***** सहित किसी परिजन को टिकट देकर कार्यकर्ताओं को उसे लड़ाने का संदेश दे दिया जाता है, तो कभी कोई फिल्मी या टेलीविजन सितारा आकर उनकी टिकट बांट लेता है। इसी का परिणाम है कि अब चुनाव में भीड़ पैसे के बल पर लाई जाती है।

अमितभ बच्चन चुने गए थे सांसद
इलाहाबाद (अब प्रयागराज) लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अमिताभ बच्चन को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के खिलाफ चुनाव के मैदान में उतारा था। एक राजनीतिक सितारे और फिल्मी सितारे के बीच हुए इस ‘स्टार वार’ में बाजी मारी फिल्मी सितारे अमिताभ बच्चन ने। इसके बाद देश की राजनीति में यह सिलसिला तेज हो चला। फिल्मी सितारों के साथ राजनेताओं के परिवार भी तेजी से राजनीति में जगह बनाने लगे। मुलायम सिंह यादव का पूरा कुनबा सियासत में उतर आया तो वहीं अन्य दलों में भी परिवार के लोग लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

सभी दल आगे
उत्तर प्रदेश की राजनीति देखें तो यहां पिछले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी बस उन्हीं पांच सीटों पर जीत सकी थी, जहां से मुलायम सिंह यादव के परिजन चुनाव लड़े थे, और कांग्रेस भी वही दो सीटें जीत पाई,जहां से गांधी परिवार के सोनिया व राहुल और प्रियंका चुनाव मैदान में थे। साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पूत्र राजवीर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुल को चुनाव मैदान में उतारा है। इस बार भी सभी दलों ने कार्यकर्ताओं पर परिजनों को तवज्जो दी है और कार्यकर्ता बेचारा बनकर उनकी जिंदाबाद के नारे लगाने को विवश है।

फिल्मी सितारे और खिलाड़ी भी
यह चुनाव तो परिवार से आगे सितारों की भीड़ तक पहुंच गया है। भाजपा ने फिल्मी कलाकार मनोज तिवारी, हंस राज हंस, गौतम गंभीर, हेमा मालिनी सन्नी देवोल, जयप्रदा, रविकिशन, दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ बाबुल सुप्रियो को टिकट देकर चुनाव के मैदान में उतारा है। तो वहीं कांग्रेस ने कांग्रेस ने भी बॉक्सर विजेंद्र सिंह, शत्रुघ्न सिन्हा सहित अन्य को पंजे का सिंबल देकर उनके बल पर चुनाव फहत करने में लगी है। कांग्रेस के कार्यकर्ता सौरभ श्रीवास्तव कहते हैं कि हम पिछले पंद्रह सालों से पार्टी के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं, पर जब टिकट का मौका आता है तो हमें छरी तो वहीं दिग्गज नेताओं को सिंबल थामा दिया जाता है।

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