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HBTU- की सुरक्षा-व्यवस्था में बड़ी चुक, सजिश की तीली से जला रिकार्ड रूम

locationकानपुरPublished: May 11, 2018 12:16:10 am

Submitted by:

Vinod Nigam

रिकार्ड रूम की खिड़कियां टूटी मिली, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की

रिकार्ड रूम की खिड़कियां टूटी मिली, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की
कानपुर। देश की नामी हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) की सुरक्षा-व्यवस्था की जिम्मेदारी 63 होमगार्ड के हवाले है, जिनकी तीन शिफ्ट में ड्यूटी हरदिन लगती है। इसमें कंपनी कमांडर, प्लाटून कमांडर भी शामिल हैं। बावजूद अराजकतत्वों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दे डाला। आरोपियों ने यूनिवर्सिटी के रिकार्ड रूम की खिड़कियां तोड़कर वहां रखे दस्तावेजों को आग के हवाले कर दिया। इसकी भनक यूनिवर्सिटी के किसी भी प्रशासनिक अधिकारियों को नहीं हुई। रूम से धुएं की गुब्बार देख ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी दौड़े और आग लगने की जानकारी कुलपति प्रोफेसर एनबी सिंह को दी। कुलपति सहित पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आग पर काबू करने के लिए फायर बिग्रेड को बुलाया। आग बुझने के बाद रूम के अंदर जब पुलिस ने प्रवेश किया तो स्टूडेंट्स, प्रोफेसरों के साथ ही अधिकारी व कर्मचारियों के रिकार्ड जलकर राख में तब्दील हो गए थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने नवाबगंज पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस ने भी आकर मौका-मुआयना किया।
डाला गया ज्वलनशील पदार्थ
आग बुझते ही शिक्षकों की नजर डीन एकेडमिक रूम के दरवाजे के ऊपर टूटे हुए कांच पर गई। नजदीक ही ईट के टुकड़े भी मिले। कमरे के अंदर से पेट्रोल की महक आई। कयास लगाए जा रहे हैं कि अराजकतत्वों ने शीशा तोड़ा और उसके अंदर पेट्रोल उड़ेल दिया। आग बगल वाले रिकार्ड रूम तक पहुंच सके, उसके लिए काफी मात्रा में तेल का इस्तेमाल हुआ। कुलपति ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसमें प्रो. सुनील कुमार, प्रो.एसयू सिद्दीकी, प्रो. अलख कुमार सिंह शामिल हैं। कमेटी को जल्द घटना की रिपोर्ट देने को कहा गया है। सुरक्षा अधिकारी से 7 दिन में आख्या मांगी गई है। रिकार्ड रूम में कई वर्षो केदस्तावेज रखे थे। इसमें बीटेक, एमटेक, पीएचडी छात्रों की हाजिरी, रजिस्ट्रेशन संबंधी जानकारी, पूर्व छात्रों की डिग्री आदि शामिल है।
तो इसके चलते लगाई गई आग
एचबीटीयू में काफी समय बाद फैकल्टी के खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हुई है। 65 पदों के लिए 1200 से अधिक ऑनलाइन, ऑफलाइन आवेदन आए हैं। गुरुवार से उनकी स्क्रीनिंग आरंभ हो गई। अधिकारियों के मुताबिक बदनामी कराने और भर्ती प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने की साजिश की गई है। विश्वविद्यालय के मुख्य भवन सभी जगह में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। जिस जगह यह घटना हुई, वहां पर एक भी कैमरा नहीं लगा है। एकेडमिक रिकार्ड रूम के अंदर कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन कर्मचारियों ने उसे भी बुधवार रात को बंद कर दिया था। अधिकारियों ने इस पर नाराजगी जताते हुए जांच कराने की बात कही। घटना के कुछ समय बाद ही दो बाइक पर सवार चार युवक तेजी से परिसर के पास से निकल गए। उन्हें सुबह की सैर करने वालों ने जाते हुए देखा। आशंका है कि उन्हीं लोगों ने आग लगाई।
खिड़की टूटी हुई मिली
जिस रूम में आग लगी थी वहां पर स्टूडेंट्स के साथ ही एचबीटीयू के अधिकारियों, प्रोफेसरों और स्टूडेंट्स के रिकार्ड रखे थे। रूम की खिड़कियां टूटी पाई गई। पुलिस ने रूम से कुछ ज्वलनशील पदार्थ थी बरामद किया है। कुलपति ने बताया कि आग साजिश के तौर पर लगाई गई है और पुलिस के साथ व्श्शि्वविद्यालय अपने तरीके से जांच कर रहा है। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं कुछ प्रोफेसरों ने बताया कि आग पूरी तरह सुनियोजित तरीके से लगाई गई है। आग के चलते स्टूडेंट्स के सारे दस्तावेज जलकर राख में तब्दील हो गए हैं। रूम में रख कम्प्यूटर भी आग के चलने जल गए हैं।

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