कानपुर

मास्टर साहब को हर हाल में रखना होगा एंड्रॉयड फोन

दीक्षा एप के माध्यम से पढ़ाई कराना किया गया अनिवार्य हर पाठ का क्यूआर कोड स्कैन कर मिलेगा ऑडियो विजुअल

कानपुरJul 27, 2019 / 01:18 pm

आलोक पाण्डेय

मास्टर साहब को हर हाल में रखना होगा एंड्रॉयड फोन

कानपुर। परिषदीय स्कूलों के वे शिक्षक जो अब तक की पैड वाला मोबाइल यूज कर रहे हैं, उन्हें भी अब एंड्रॉयड फोन रखना पड़ेगा। अब परिषदीय स्कूलों की कक्षा आठ तक की किताबों को दीक्षा एप के माध्यम से पढ़ाया जाएगा, जिसके लिए एंड्रॉयड फोन होना जरूरी है। अब शिक्षक इससे बचे नहीं रह पाएंगे, उन्हें हर हाल में इससे जुडऩा पड़ेगा।
उपयोग नहीं किया तो पकड़े जाएंगे
अगर कोई शिक्षक दीक्षा एप का उपयोग नहीं करता है या फिर एप डाउनलोड करने के बावजूद उसका उपयोग नहीं करता है तो मॉनीटरिंग के दौरान यह बात पकड़ में आ जाएगी। इस लिहाज से दीक्षा एप को अपडेट कर दिया गया है। सभी को एप का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। मॉनीटरिंग के दौरान यह देखा जाएगा कि कितने शिक्षकों के पास एंड्रायड फोन है और कितनों ने दीक्षा एप डाउनलोड किया है। इतना ही नहीं डाउनलोड करने के बाद उसे कितना उपयोग किया गया है।
हर पाठ पर होगा क्यूआर कोड
परिषद की कक्षा आठ तक की किताबों के हर चैप्टर में क्यूआर कोड होगा, जिसे स्कैन करते ही इसका वीडियो आ जाता है, जिसमें ऑडियो-विजुअल ढंग से उस चैप्टर को पढ़ाया गया है। यदि कहानी है तो उसका कार्टून की मदद से नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया गया है। इस तरह से पढ़ाई बच्चों को रुचिकर लगती है और वह खेल-खेल-खेल में पूरी बात समझ जाते हैं।
शिक्षकों की रुचि कम
पता चला है कि अभी भी भारी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जो दीक्षा एप को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। कई तो एंड्रॉयड फोन ही इस्तेमाल नहीं करना चाहते। जिनके पास है वह खराब न होने के डर से दीक्षा एप नहीं चला रहे हैं। केवल कुछ शिक्षक ही इसका पालन करते हैं।
इस तरह से करेगा काम
दीक्षा एप डाउनलोड करने के लिए शिक्षकों को गूगल प्ले स्टोर पर जाना होगा। जिसमें डाउनलोड किए जाने के बाद एंड्रॉयड मोबाइल के कैमरे को ऑन कर किताब के चैप्टर पर बने क्यूआर कोड को स्कैन करना होता है। जिससे वह चैप्टर डाउनलोड हो जाता है।
 
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