आपको बता दें कि कानपुर देहात जिले में इस समय 1788 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है, जिसके सापेक्ष सिर्फ 221 केंद्रों का संचालन स्वयं के भवनों में हो रहा है। जबकि 1567 आंगनबाड़ी केंद्र या तो परिषदीय या फिर किराये के भवनों में चल रहे हैं। इसके चलते शासन ने इस वित्तीय वर्ष में 94 नये आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराने की हरी झंडी दी है। जिससे केंद्रों का स्वयं का भवन हो सके। जिलेस्तर पर कार्यदायी संस्था नामित करते हुए ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को 59 तथा क्षेत्र पंचायतों को 35 भवनों का निर्माण कराने की जिम्मेदारी दी गई है। लोकसभा चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने से पहले कार्यदायी संस्थाओं के ठेकेदारों ने भवन निर्माण के नींव खुदाई तो जोर-शोर से करा दी, लेकिन उसके बाद कार्य की रफ्तार मंद पड़ गई।
मुख्य विकास अधिकारी जोगिन्दर सिंह ने कई बार कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें कार्य जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए। बावजूद इसके लापरवाही का आलम यह है कि अभी तक क्षेत्र पंचायत के 6 तथा आरईडी के दो भवनों की नींव खोदाई तक शुरू नहीं हो सकी है। जबकि अन्य भवनों का निर्माण कार्य भी लेटलतीफी का शिकार है। इसके चलते बच्चों को स्वयं की छत जल्द नसीब होती नहीं दिखाई दे रही है। 94 के सापेक्ष कार्यदायी संस्था आरईडी के 2 तथा क्षेत्र पंचायत के 6 आंगनबाड़ी केंद्र भवनों का निर्माण अब तक शुरू नहीं हो सका है, जहां कार्य शुरू होने की जानकारी दी गई है। उसका सत्यापन कराया जा रहा है।