बता दें कि मानव तस्करों ने बेहतर वेतन पर नौकरी का झांसा देकर उन्नाव की तीन और कानपुर की दो महिलाओं को ओमान भेजा था। ओमान पहुंचने पर वहां सर्वेंट एजेंसी की संचालिका ने महिलाओं को शेखों के बंगलों पर काम के लिए भेज दिया। शेखों के यहां फिर महिलाओं को यातनाएं एवं शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न होने लगा। हालांकि दो माह पूर्व अप्रैल में उन्नाव की एक पीडि़ता के पति की पुलिस से गुहार पर क्राइम ब्रांच ने उसे भारत बुलवाया था। इसके साथ ही महिलाओं को ओमान भेजने वाले अतीकुर्रहमान व मुजम्मिल को जेल भेजा था।
इसके अतिरिक्त पंजाब की दो महिलाओं को भी वतन वापसी कराई गई थी। इसके बाद फंसी तीन और महिलाओं का ब्योरा पुलिस ने ओमान के भारतीय दूतावास को भेजा तो उन्नाव की दूसरी महिला को मुक्त कराया गया। दूतावास ने दो दिन पूर्व उन्नाव के सफीपुर की एक महिला से भी उसके मालिक के फोन नंबर पर कॉल करके परेशानी पूछी थी। पीडि़ता ने बताया कि इसके बाद शेख व उसकी पत्नी ने उसे एक कमरे में बंधक बना लिया और किसी से भी बात करने पर पाबंदी लगा दी। शेख व उसकी पत्नी मारपीट करके जबरन काम कराते हैं। ठीक से खाना भी नहीं देते। पीडि़ता दूतावास से दोबारा संपर्क भी नहीं कर पा रही है।