कौन हैं आशीष चौबे
आशीष चौबे समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता हुआ करते थे। इनकी गिनती मुलायम सिंह के करीबी नेताओं में थी। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच सियासी जंग शुरू हुई, तभी आशीष चौबे ने शिवपाल फैन्स एसोसिएशन नाम के एक संगठन को खड़ा कर दिया। अंदरखानें आशीष चौबे ने प्रदेश के सभी जिलों में एक लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं की की फौज खड़ी कर दी और जब शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समावादी लोहिया पार्टी का गठन किया तो इसी एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं को जिलों की बागडोर दी गईं। शिवपाल यादव के सबसे करीबियों ने आशीष चौबे की गिनती होती है। जबकि दूसरे नेता के तौर पर पूर्व सपा सांसद रघुराज शाक्य पर्दे के पीछे रहकर अहम रोल निभाया।
षडयंत्रकारियों की साजिश
पत्रिका के साथ खास बातचीत के दौरान प्रसपा के प्रदेश सचिव आशीष चौबे ने इन खबरों का खंडन किया है। आशीष ने बताया कि हमनें सोशल मीडिया में और मीडिया को जानकारी दी है कि कुछ षडयंत्रकारी प्रसपा को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। यह वही षडयंत्रकारी जिन्होंने पार्टी और परिवार में विघटन कराया था। ऐसे लोगों से होशियार रहने की जरूरत है। प्रसपा का समाजवादी पार्टी के साथ कभी विलय नहीं होगा। हां हमारे नेता शिवपाल यादव ने कहा है कि 2022 के चुनाव के वक्त जो भी सेकुलरवादी सोंच के दल हैं, उनके साथ प्रसपा गठबंधन करने को तैयार है। यदि समाजवादी पार्टी की तरफ से आफर आता है तो पार्टी इस पर जरूर विचार करेगी।
इसलिए नहीं लड़ रहे चुनाव
आशीष चौबे ने बताया कि पार्टी 2019 के उपुचनाव में भाग नहीं ले रही। इसके पीछे पार्टी का मकसद है कि पहले संगठन मो मजबूत किया जाए। इसी कार्य पर कार्यकर्ता जुटे हैं। आशीष चैबे के मुताबिक प्रसपा ही मुलायम सिंह के सपनों को साकार करेगी। पार्टी में अधिकतर पुराने समाजवादी हैं, जो नेता जी के साथ कई आंदोलनों में भाग लिया है। प्रसपा का गठन किसान, मजदूर, गरीब और युवाओं की लड़ाई के लिए किया गया है। पार्टी भाजपा सरकार की गलत नितियों के खिलाफ सड़क पर लड़ रही है। जबकि अन्य दलों के नेता सिर्फ सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं।