कानपुर

लगा दी मुहर, ये नेता बनेंगा राजस्थान का सीएम

ज्योतिषाचार्य व भारतीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष पंडित केए दुबे पद्मेश ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खंगाली कंडली और की भविष्वाणी।

कानपुरDec 12, 2018 / 01:56 pm

Vinod Nigam

लगा दी मुहर, ये नेता बनेंगा राजस्थान का सीएम

कानपुर। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम देरशाम आ गए। तीन राज्य मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की करारी हार हुई तो वहीं कांग्रेस ने यहां जीत का परचम फहराया। लेकिन अब यहां पर सीएम कैंडीडेट को लेकर सियासत गर्म हैं। राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन समर्थक खुलकर सामने आ गए हैं और अपने-अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच पत्रिका डॉट कॉम ने जाने-माने ज्योतिषाचार्य व भारतीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष पंडित केए दुबे पद्मेश से कौन होगा सीएम, किसकी कुंडली में है राजयोग के बारे में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि, इस वक्त अशोक गहलोत के तारे बुलंद हैं और सचिन पायलेट के मुकाबले उनके गृहनक्षत्र अच्छे चल रहे हैं और उन्हीं का राजयोग बन रहा है।

अन्य नेताओं से अलग हैं गहलोत
दो राज्य मध्यप्रदेश और राजस्थान में कौन हो सीएम इसके लिए कांग्रेस की बैठक चल रही है। वहीं ज्योतिषार्य भी दोनों नेताओं की कंडली खंगाल रहे हैं। इसी बीच हमने पंडित केए दुबे पद्मेश से फोन के जरिए राजस्थान का कौन होगा सीएम के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि अशोक गहलोत के नक्षत्र उनके मनमुताबिक चल रहे हैं और उन्हीं के हाथों पर राजस्थान की बागडोर होगी। पंडित केए दुबे पद्मेश ने बताया कि अशोक गहलोत का जन्म 03 मई सन् 1951 को सुबह 9ः30 मिनट पर जोधपुर में हुआ था। उस काल में क्षितिज पर मिथुन लग्न उदित हो रही थी। मिथुन राशि एक द्विस्वभाव राशि है, जिसके फलस्वरूप गहलोत के स्वभाव में कभी धीर गम्भीर तो कभी चंचल और वाचाल रहता है। इनके सोचने का तरीका वैज्ञानिक व तर्कसंगत होता है। गहलोत के चलते कांग्रेस को कर्नाटक के साथ गुजरात में अहम जीत मिली थी।

इसलिए बन रहे राजयोग
पंडित केए दुबे पद्मेश बताते हैं कि अशोक गहलोत की कुंडली में इन दिनों ग्रहों के अच्छे योग बने हुए हैं। लग्न से छठे भाव में गुरु का गोचर और सप्तम में चल रहा शनि का गोचर उनको अच्छी सफलता दिला सकते हैं। योगकारक मंगल की महादशा में इस समय सूर्य की अंतर्दशा चल रही है, जो कि लाभ भाव में होकर उनको ‘राज्य लाभ’ का ज्योतिषीय संकेत दे रहे हैं। पंडित केए दुबे पद्मेश ने बताया कि आज शाम तक कांग्रेस उन्हीं के नाम पर मुहर लगाएगी। जबकि सचिन पायलट को अभीह पांच साल तक और इंतजार करना पड़ सकता है।

इस लिए सचिन रह सकते हैं पीछे
पंडित केए दुबे पद्मेश ने बताया, राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट 7 सितंबर 1977 को सहारनपुर में हुआ था। सचिन पायलट की कुंडली में बन रहा ‘शूल योग’ जहां उनको एक तेज़तर्रार वक्त बनता है तो वहीं दूसरी ओर यह योग उनको उनकी ही पार्टी के भीतर गुटबाजी से परेशान होने का संकेत भी दे रहा है। सचिन पायलट की कुंडली वृश्चिक लग्न की है जहां सभी ग्रह तीन राशियों में होकर शूल योग का निर्माण कर रहे हैं। वर्तमान में चल रही शनि में सूर्य की विंशोत्तरी दशा में उनके नेतृत्व में राजस्थान विधानसभा चुनाव कांग्रेस जीती है। लेकिन सूर्य उनकी कुंडली में नवांश में नीच राशि में हैं इसलिए अभी इनके लिए मुख्यमंत्री पद तक पहुंचना कठिन है।

इसलिए हारी वसुंधरा
पंडित केए दुबे पद्मेश ने वसुंधरा राजे की कुंडली को विस्तार से देखने के बाद बताया कि इनका जन्म 8 मार्च 1953 को शाम 4 बजकर 45 मिनट पर पर मुंबई में हुआ था। वसुंधरा राजे की कुंडली कर्क लग्न और वृश्चिक राशि की है। वसुंधरा राजे की कुंडली में नवमेश गुरु और दशमेश मंगल के स्थान परिवर्तन राजयोग ने उनको दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बनवाया और जबरदस्त लोकप्रियता दी। साल 2015 में शनि की साढ़ेसाती के कारण वसुंधरा राजे की लोकप्रियता में गिरावट आने लगी थी। वर्तमान में चल रही राहु में गुरु की दशा छिद्र और जन्म-नक्षत्र पर गोचर के गुरु के प्रभाव के कारण उनको राजस्थान विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।

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