कई फाएदे
करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को पूजा करती है, रात में चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ देती हैं और फिर पति के दर्शन करके उनके हाथों से व्रत खोलती है। यह परप्परा सैकड़ों साल से बदस्तूर चल रही है। ऐसे में हमनें ज्योतिषार्य प्रोफेसर पंडित बलराम तिवारी से इस खास पर्व पर जानकारी की तो उन्होंने पूजा के साथ अन्य रहस्यों के बारे में खुलकर बताया। ज्योतिषाचार्य ने कहा कि 17 अक्टूबर के दिन सुहागिन महिलाओं को अपनी राशि के अनुसार कपड़ने पहनने चाहिए। ऐसा करने से पति-पत्नी का गठजोड़ मजबूत रहता है।
रंग-बिरंगी पहने चूड़ियां
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक मेष राशि वाली महिलाओं को लाल व गोल्डन रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। वृक्ष राशि की महिलाएं सिल्वर और लाल रंग वस़्त्र पहनकर पूजा करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ेगा। मिथुन राशि की महिलाओं के लिए करवाचैथ पर हरे रंग की साड़ी और लाल रंग की चूड़ियां लाभदायी होंगी। कर्क राशि की महिलाएं लाल व सफेद रंग की साड़ी के साथ ही रंग-बिरंगी चूड़ियां पहनें तो उनके घर पर धन की कमी नहीं आएगी। जबकि कन्या राशि की महिलाएं लाल हरी रंग की साड़ी पहनकर पूजा करें तो उनके वैवाहिक जीवन में मधुरता आएगी।
बना रहेगा पति का साथ और प्यार
तुला राशि की महिलाए लाल और सिल्वर रंग के वस्त्र पहनने तो पति का साथ और प्यार हमेश बना रहेगा। धनु राशि की महिलाओं को करवा चैथ पर पीले या आसमानी रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। मकर राशि का स्वामी शनि है तो इस राशि की महिलाओं को करवा चैथ पर नीले रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। कुंभ राशि का स्वामी भी शनि है तो इन राशि की महिलाओं को करवा चैथ पर नीले या फिर सिल्वर रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। मीन इस राशि का स्वामी बृहस्पति है तो इस राशि की महिलाओं के लिए करवा चैथ पर लाल या गोल्डन रंग के कपड़े पहनना शुभ रहेगा।
इन महिलाओं के लिए खास
ज्योतिषाचार्य पंडित बलराम तिवारी ने बताया इस बार करवा चौथ पूरे 70 साल बाद एक खास संयोग लेकर आ रहा है। 70 साल बाद बन रहा शुभ संयोग सुहागिनों के लिए फलदायी होगा। इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग बेहद मंगलकारी रहेगा। रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहिणी के योग से मार्कंडेय और सत्याभामा योग भी इस करवा चौथ बन रहा है। क्योंकि चंद्रमा की 27 पत्नियों में रोहिणी प्रिय पत्नी है। इसलिए यह संयोग करवा चैथ को बेहद खास बना रहा है। इसका सबसे ज्यादा लाभ उन महिलाओं की जिंदगी में आएगा जो पहली बार चैथ का व्रत रखेंगी।