आईटीआई का मौजूदा कोर्स और पढ़ाई की गुणवत्ता बाजार की मांग के मुकाबले काफी पिछड़ी हुई है। इसी कारण जो छात्र यहां से प्रशिक्षण लेकर बाहर निकलते हैं उन्हें जॉब आसानी से नहीं मिलता। वे जो प्रशिक्षण लेकर आते हैं बाजार में उससे अपडेट मशीनरी आ चुकी होती है, ऐसे में वे नई मशीनरी के साथ नहीं चल पाते। आईटीआई में न तो बदलते समय के आधार पर पाठ्यक्रम बदले गए हैं और न ही प्रैक्टिकल के तौर तरीकों में बदलाव किया गया है। जबकि कंपनियां अपने उत्पाद में रोज नए प्रयोग कर रही हैं। ऐसे में पुराने ढर्रे पर पढ़े छात्र उसमें फिट नहीं पड़ते हैं। इसे देखते हुए ऑटोमोबाइल कंपनियों ने आईटीआई के साथ जुड़कर छात्रों को खुद प्रशिक्षित करने की तैयारी की है।
आईटीआई के प्राचार्य इंजीनियर केएम सिंह के मुताबिक कंपनियां जिस तरह अपना सर्विस स्टेशन बाहर बनाती हैं उसकी प्रतिरूप संस्थान में बनाया है। अनुबंध के तहत ऑटोमोबाइल कंपनियां नए सर्विस स्टेशन पर अपने टू व्हीलर और फोर व्हीलर वाहनों का डेमो करेंगे। मारुति और होण्डा जैसी ऑटोमोबाइल कंपनियों के अलावा भी अन्य कंपनियों से वार्ता की जा रही है ताकि विभिन्न ट्रेडों के छात्रों को इसका लाभ मिल सके।