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आयुष्मान योजना के नाम पर घोटाला, रेट बढ़ाकर खरीदी गई दवाओं की आड़ में जिम्मेदारों ने भरी जेबें

locationकानपुरPublished: Nov 25, 2019 02:07:57 pm

हैलट के स्टोर की बजाय बाहर से दवा खरीदकर मरीजों को दी गईं, अब लगी रोक दवाओं और इंजेक्शन के वास्तविक और खरीद रेट में था भारी अंतर

आयुष्मान योजना के नाम पर घोटाला, रेट बढ़ाकर खरीदी गई दवाओं की आड़ में जिम्मेदारों ने भरी जेबें

आयुष्मान योजना के नाम पर घोटाला, रेट बढ़ाकर खरीदी गई दवाओं की आड़ में जिम्मेदारों ने भरी जेबें

कानपुर। हैलट प्रशासन ने आयुष्मान योजना में बड़ा खेल पकड़ा है। जांच के दौरान पता चला है कि आयुष्मान योजना के मरीजों को दी जानी वाली दवाएं कई गुना ज्यादा दामों पर खरीदी गईं जबकि हैलट के रेट कान्ट्रैक्ट में उन दवाओं की कीमत काफी कम है। हैलट के दवा स्टोर की बजाए महंगे दामों पर बाहर से दवा खरीद कर मरीजों को दी गईं। मामला खुलने के बाद हैलट प्रशासन ने बाहर से दवा खरीद पर रोक लगा दी है। साथ ही आयुष्मान मरीजों के लिए अलग दवा काउंटर खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
मुफ्त इलाज के नाम पर हुआ मजाक
आयुष्मान रोगियों को अमृत फार्मेसी से दवा खरीद के लिए कहा गया था। एक साल तक यह खेल चलता रहा जबकि हैलट में दवा मौजूद थी। इससे हैलट को भी नुकसान पहुंचाया गया। आयुष्मान रोगियों के लिए पहले मेरोपेनम एंटीबायोटिक इंजेक्शन 1456 रुपए का खरीदा गया जबकि हैलट के आरसी में इसका रेट 135 रुपए है। हैलट प्रशासन ने जांच कराई तो उसे अमृत फार्मेसी से इस इंजेक्शन के रेट 326.29 रुपए बताए गए। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं दवाएं बाहर से लेकर रैपर अमृत का तो नहीं लगा दिया गया।
दवाओं के रेट में अंतर
हैलट की आरसी में पैरासिटामाल के रेट 6 रुपए (10 टेबलेट) है लेकिन आयुष्मान रोगियों के लिए उसे 21 रुपए में खरीदा गया। इसी तरह अन्य दवाओं में अंतर पाया गया है। सिट्रीजन टेबलेट के हैलट आरसी में रेट 1.30 है तो उसे बाहर से 3.32 रुपए में खरीदा गया। जांच में यह भी सामने आया है कि आयुष्मान रोगियों के लिए आयुष्मान रोगियों के लिए गाज-पट्टी समेत डिस्पोजल सामान भी महंगे दामों पर खरीदे गए हैं।
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