scriptकभी बीहड़ के साये में था ये गाँव, वक्त बदल गया लेकिन नहीं बदले इस गांव के हालात | bad situation of behmai village no development kanpr dehat | Patrika News

कभी बीहड़ के साये में था ये गाँव, वक्त बदल गया लेकिन नहीं बदले इस गांव के हालात

locationकानपुरPublished: Feb 15, 2019 06:48:53 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

जब आप इस गांव के लोगों का दर्द सुनेंगे तो आखो में आँसू निकल आएंगे।

behmai

कभी बीहड़ के साये में था ये गाँव, वक्त बदल गया लेकिन नहीं बदले इस गांव के हालात

कानपुर देहात-कानपुर देहात का बेहमई गांव, जो कभी दस्यु सुंदरी फूलन देवी द्वारा किये गए नरसंहार से कांप उठा था। आज समय बदल चुका है, लेकिन इस गांव के हालात नही बदले। ये तो ग्रामीणों को भी नही पता कि गांव का समय कब बदलेगा। लेकिन इतना जरूर है कि जब आप इस गांव के लोगों का दर्द सुनेंगे तो आखो में आँसू निकल आएंगे। क्योंकि यहाँ के लोगो को किसी पर भी विश्वास नही रहा। ग्रामीणों का कहना है कि जो नेता या विधायक चुनाव से पहले वायदा करते है और चुनाव जीत जाने के बाद विधायक पांच सालों तक इस गांव की तरफ मुड़कर भी नही देखते हैं। गांव में विकास के नाम पर सिर्फ लोग दर्द बयां करते नजर आ रहे हैं।
आज भी है किसी रहबर की तलाश

आज भी इस गांव के हालात ऐसे ही है जैसे सत्तर के दशक में थे। ग्रामीणों के अनुसार 14 फरवरी के हत्याकांड के बाद से इस गांव में तमाम नेता अधिकारी आए और वायदे भी किए, लेकिन इस गांव का विकास नहीं हो सका। गांव के विकास की बात करें तो न इस गांव को जाने के लिए सड़कें है और न ही पढ़ने के लिए स्कूल है। गांव में कोई अस्पताल नही है। इस गांव के हालात उस समय और भी बदतर हो जाते हैं। जब यमुना नदी में बाढ़ आ जाती है। बाढ़ आ जाने से किसानों की फसलें तो बर्बाद होती ही है, साथ ही गांव के लोगों को शहर जाने के लिए 35 किमी का रास्ता तय करना पड़ता है। बताया कि बेहमई गांव के पुल का निर्माण कराने के लिए बसपा सरकार ने कोशिश की और पुल का निर्माण शुरू भी हुआ, लेकिन सरकार जाने के बाद वह पुल आज भी अधूरा है।
सीएम योगी ने मंच से की थी ये घोषणा

ग्रामीणों ने बताया कि बीजेपी सरकार में हुए सिकन्दरा विधानसभा में उपचुनाव के लिए जब राजपुर कस्बे में मुख्यमंत्री अपने प्रत्याशी अजीत पाल को सिकन्दरा विधानसभा से जीतने के लिए जनसभा कर रहे थे। तभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच पर घोषणा की थी कि बेहमई गांव का पुल अजीत पाल के जीतने के बाद जरूर बनेगा। लेकिन जीतने के बाद आज तक अजीत पाल गांव में ही नही गये, लेेकिन इतना जरूर है। जब मुख्यमंत्री जी ने बेहमई पुल के निर्माण की बात मंच पर कही थी तो अब शायद गांव के लोगो को उम्मीद है कि गांव का विकास जरूर होगा। फिलहाल बीहड़ के साये में बसे इस गांव का विकास न होने की वजह से लोग आज भी आदिवासी की तरह ही जीवन यापन कर रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो