क्या आपने सुना और देखा है कि अनार व हल्दी से एलईडी भी बन सकती है? जी हां बांदा जिले के बबेरु ब्लॉक के मरका गांव निवासी शिव सिंह के साइंटिस्ट बेटे विक्रम सिंह ने अनार और हल्दी की मद्द से एक एलईडी बनाकर इतिहास रच दिया है
कानपुर. क्या आपने सुना और देखा है कि अनार व हल्दी से एलईडी भी बन सकती है? जी हां बांदा जिले के बबेरु ब्लॉक के मरका गांव निवासी शिव सिंह के साइंटिस्ट बेटे विक्रम सिंह ने अनार और हल्दी की मद्द से एक एलईडी बनाकर इतिहास रच दिया है। साइंटेस्ट का दावा है कि इन दोनों प्राकृतिक वस्तुओं से तैयार की गई एलईडी से 20 फीसदी बिजली बचेगी। साथ ही यह पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाएगी। मौजूदा एलईडी से यह 60 फीसदी सस्ती भी होगी।
प्राथमिक की पढ़ाई सरकारी स्कूल से की विक्रम सिंह (38) ने बताया कि पिता जी किसान थे, पैसे की दिक्कत थी, जिसके चलते उनकी शुरुआत की पढ़ाई गांव के प्राथमिक सरकारी से हुई। 10 और 12 वीं हमने बबेरु के राजलला इंटर कॉलेज से किया। इसके बाद बांदा आ गए और झांसी विश्वविद्यालय से बीएससी उत्तीर्ण करने के उपरान्त हम कानपुर आ गए और आईआईटी की तैयारी करने लगे। कानपुर आईआईटी में सेलेक्शन हो गया और कई अन्य चीजों पर शोध कर रहे थे, तभी पर्यावरण को बचाने लिए मन में विचार आया और हमने बिजली के साथ पर्यावरण को बचाने की मुहिम में लग गए, जिसमें हमें कामयाबी भी मिल गई।
साइंटिस्ट के पद पर कर रहे हैं जॉब बांदा जिले के मरका गांव में किसान शिव सिंह के घर पैदा हुए डॉ. विक्रम सिंह ने एलईडी निर्माण में नया आविष्कार किया है। डॉ. विक्रम आईआईटी चेन्नई में साइंटिस्ट हैं। उन्होंने हल्दी और अनार के मिश्रण से व्हाइट लाइट एमिशन की खोज की है। डॉ. विक्रम का दावा है कि प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त यह मैटेरियल सस्ता व प्रदूषणमुक्त है। हल्दी से कर्कुमिन और अनार से अन्थोस्थनी प्राकृतिक पिगमेंट्स लिया गया है।
पर्यावरण के साथ बिजली की होगी बचत साइंटिस्ट विक्रम सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में जो एलईडी इस्तेमाल हो रही हैं, उनके मैटेरियल में लेंथनाइड काफी मात्रा में होते हैं। यह पर्यावरण के लिए नुकसानदेह हैं। साथ ही लेंथनाइड महंगा भी है। डॉ. विक्रम ने बताया कि उनके द्वारा शोध से तैयार एलईडी से दूधिया रोशनी निकलेगी।
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‘साइंटिफिक रिपोर्ट’ में प्रकाशित किया गया है। डॉ. विक्रम को पिछले वर्ष सितंबर में जर्मन में आयोजित कांफ्रेंस में वैज्ञानिकों ने उनके शोध की प्रशंसा की। हल्दी और अनार के मिश्रण से व्हाइट लाइट एमिशन की खोज की है। यह पदार्थ एलईडी बल्ब, डाइलेजर और इंडीकेटर्स बनाने में इस्तेमाल हो सकेगा। इससे निकलने वाली रोशनी दूधिया होगी प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त मैटेरियल सस्ता व प्रदूषणमुक्त है। हल्दी से कर्कुमिन व अनार से अन्थोस्थनी प्राकृतिक पिगमेंट्स लिया है।