आमतौर पर रेस्पेरेटरी सिनकाईशियल वायरस का असर बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर होता है. जिसकी वजह से उन्हें सर्दी, जुखाम की प्रॉब्लम होती है. इसके बाद बच्चों को हाईग्रेड फीवर आता है. इसके बाद सीने में जकडऩ और तेज खांसी की शुरुआत होती है, लेकिन इस बार इसका असर काफी व्यापक है. यह युवाओं और महिलाओं को बीमार कर रहा है. वायरस के असर से पूरे शरीर में दर्द भी हो रहा है.
इस बारे में मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विशाल गुप्ता कहते हैं कि यह वायरस तेजी से फैल रहा है. इसमें मरीजों के इलाज के लिए कोई तय लाइन ऑफ ट्रीटमेंट नहीं है. ऐसे में हर मरीज का उसके लक्षणों के हिसाब से अलग अलग तरह से इलाज करना पड़ता है.
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के एचओडी व डायरेक्टर प्रो. रिचा गिरी कहती हैं कि वायरल इंफेक्शन मौसम के साथ तेजी से फैल रहा है. अलग अलग वायरस व बैक्टीरिया के असर पर माइक्रोबायोलॉजी व पैथोलॉजी विभाग की तरफ से भी अपडेट मिल रही है. लगातार ओपीडी में पेशेंट्स बढ़े हैं.