दरअसल, फूलन देवी, राम औतार, बाबा मुस्तकीम और लल्लू गैंग ने 14 फरवरी 1981 को कानपुर देहात के बेहमई गांव में 26 लोगों को एक लाइन में खड़ाकर गोलियों से भून दिया था। इस हत्याकांड में 20 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 6 घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने गैंग के चारों सरगना व सदस्यों को मिलाकर 23 लोगों को आरोपित बनाया था। आरोपियों की ओर से पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने से केस की सुनवाई में काफी वक्त लगा। इसी दौरान मुख्य आरोपित फूलन देवी को 1993 में तत्कालीन सरकार ने जनहित में आरोप मुक्त कर रिहा करने के आदेश दिए गए थे।
इन लोगों की हो चुकी मौत
बता दें कि सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपित दस्यु सुंदरी फूलन देवी, जालौन के कोटा कुठौंद के राम औतार, गुलौली कालपी के मुस्तकीम, महदेवा कालपी के बलराम, टिकरी के मोती, चुर्खी के वृंदावन, कदौली के राम प्रकाश, गौहानी सिकंदरा के रामपाल, बिरही कालपी के लल्लू बघेल व बलवान, कालपी के लल्लू यादव, कोंच के रामशंकर, डकोर कालपी के जग्गन उर्फ जागेश्वर, मेतीपुर कुठौद के प्रेम, धरिया मंगलपुर के नंदा उर्फ माया मल्लाह व राम सिंह की मौत हो चुकी है।