सर्दी का मौसम शुरू होने से पूर्व शासन ने जिला अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर वार्ड आरक्षित कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन विभाग के अफसरों के पास इंतजाम करने की फुर्सत ही नहीं मिली। विभाग के पास जांच के लिए किट की व्यवस्था भी हवा हवाई थी। जिससे सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा सके। प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीज मिलने पर प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशांत त्रिवेदी ने 12 फरवरी को सीएमओ व सीएमएस को पत्र जारी कर स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने का फरमान जारी किया था, लेकिन नतीजा सिफर है।
हालांकि शासन के सचिव द्वारा फरमान जारी होने के बाद जिले में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए कोई खासा इंतजाम नही किया गया था। बाद में इस बीमारी का प्रकोप बढ़ता देख जिले का स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया और सीएमओ ने संयुक्त जिला अस्पताल में दस बेडों का वार्ड स्वाइन फ्लू के लिये आरक्षित कराते हुए सभी केंद्रों पर दो-दो बेड आरक्षित कराए हैं। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी हीरा सिंह ने बताया कि संयुक्त जिला अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वाइन फ्लू मरीजों के लिए वार्ड आरक्षित कराए गए हैं। कार्यालय में 24 घंटे कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है।