अमृत मुहूर्त किसे कहते हैं अमृत मुहूर्त उस मुहूर्त को कहते हैं जिस काल में राखी बांधना सर्वोत्तम शुभ होता है, जिसे विशेष फल देने वाला मुहूर्त कहते हैं। इस मुहूर्त में राखी बांधने का लाभ भाई और उसके परिवार को अमृत के समान प्राप्त होता है। उन्होंने बताया जिस प्रकार अभिजीत काल में किसी भी कार्य को करने से निश्चित रूप से सफलता की प्राप्ति होती है। उसी प्रकार इस अमृत मुहुर्त में राखी बांधने से अमृत जैसे फल की प्राप्ति होती है।
इस मुहूर्त में ही राखी बांधने चाहिए सबसे पहले राखी बांधने के लिए अमृत मुहूर्त को चुनना चाहिए। किसी वजह से अमृत मुहूर्त में राखी बांधने से वंचित होते हैं तो फिर शुभ मुहूर्त और फिर इसके बाद चर मुहूर्त का चुनाव किया जाना चाहिए। अगर अमृत मुहूर्त में बहनें राखी नहीं बांध पाएं तो शुभ मुहूर्त में बांधना चाहिए। अगर राखी इसमें भी नहीं बांध पाईं हो तो फिर और फिर चर मुहूर्त का चुनाव किया जाना चाहिए, जो बहुत फलदायी होता है। पंडित जगदीश के अनुसार इस बार रक्षा बंधन बांधने का शुभ मुहूर्त करीब 12 घंटे का है। इस रक्षा बंधन पर बहनें सुबह 7 बजकर 43 मिनट से रात 11 बजकर 3 मिनट तक राखी बांध सकती हैं।
जानिए कौन-कौन से है राखी बांधने के मुहूर्त -सुबह 7:43 बजे से 9:18 बजे तक चर -सुबह 9:18 बजे से लेकर 10:53 बजे तक लाभ -सुबह 10:53 बजे से लेकर 12:28 बजे तक अमृत मुहूर्त
-दोपहर 2:03 बजे से लेकर 3:38 बजे तक शुभ -सायं 6:48 बजे से लेकर 8:13 बजे तक शुभ -रात्रि 8:13 बजे से लेकर 9:38 बजे तक अमृत मुहूर्त -रात्रि 9:38 बजे से लेकर 11:03 बजे तक चर