कामकाज का मांगा लेखा-जोखा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेश के बाद कानपुर-बुंदेलखंड परिक्षेत्र की तीन कमिश्नरी, कानपुर, झांसी और बांदा में कार्यसमित की बैठक हुई। 28 सितंबर को राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव कानपुर पहुंचे और किदवई नगर के अग्रसेन भवन में बैठक की। इस दौरान अगले 6 महीने के लिए भाजपा का 24 सूत्री कार्यक्रम जारी हुआ है। इसमें सांसद, विधायकों से लेकर सभी पदाधिकारियों की भूमिका तय की गई। 29 से लेकर 5 अक्टूर के बीच सभी सांसद और विधायक बूथों पर जाकर मतदाता सूची में लोगों के नाम जुड़वाएंगे। साथ ही अधूरी योजनाओं को तीन माह के अंदर पूरा कराएंगे। भूपेंद्र यादव ने बैठक के दौरान विस्तारकों और पदाधिकारियों से वर्तमान सांसदों के कामकाज का लेखा-जोखा मांगा। जिसमें पांचों सांसद खरे नहीं उतरे। जिस पर महामंत्री ने सांसदों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं को जल्द से जल्द अपने-अपने क्षेत्रों में पूरा कराएं। जो सांसद पार्टी के बनाए मापदंड पर खरा नहीं उतरेगा उसका टिकट कटना तय हैं।
…तभी मिलेगा कमल का सिंबल
कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली इस बैठक में पांच लोकसभा कानपुर, अकबरपुर, इटावा, फर्रुखाबाद और कन्नौज की लोकसभा संचालन समितियों को तो बुलाया गया था। क्षेत्रीय पदाधिकारी व साथ में पांचों लोकसभाओं के सांसद, विधायक, जिला प्रभारी, जिला अध्यक्षों भी बैठक में मौजूद थे। इस दौरान भूपेंद्र यादव ने पहले मोदी सरकार के साढे़ चार साल के कार्यकाल के बारे में बीजपी जनप्रतिनिधियों से पूछा और कहा कि कौन-कौन सी योजनाएं हैं, जिन्हें आपलोग अपने-अपने क्षेत्रों में चला रहे हैं। अधिकतर सांसद योजनाओं का नाम तक नहीं बता पाए। भूपेंद्र यादव इससे बहुत खफा हुए और छह माह के अंदर मोदी सरकार और योगी सरकार की सभी योजनाओं को धरातल पर उतारे जाने का आदेश दिए। बैठक के दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने भूपेंद्र यादव को सांसदों के कामकाज के बारे में जानकारी दी। जिस पर उन्होंने कहा कि पार्टी काम के आधार पर टिकट देगी। चुनाव के दौरान जो मापदंड पर खरा उतरेगा उसे ही टिकट मिलेगा।
मोदी सरकार की गिनाई उपलब्धियां
महामंत्री भूपेंद्र यादव ने मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल की योजनाएं गिनाई। उन्होंने बीजेपी पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को बताया कि मोदी सरकार के नेतृत्व में देश उत्तरोत्तर प्रगति की तरफ है। मोदी सरकार ने 99 सिंचाई की योजनाओं को प्रारंभ किया है। इसमें से कई योजनाएं बंद पड़ी थी। भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता चल रही है। उन्होंने कहा कि बूथ बूथ पर जाकर आप सदस्य बना रहे हैं यह अभियान आगे भी चलते रहना चाहिए। मोदी सरकार ने 22 करोड़ लोगों को सीधे लाभ पहुंचाया है। इससे भ्रष्टाचार भी रुका है। भारतीय जनता पार्टी को सहकारिता व पंचायत जैसे क्षेत्र में पहले से अधिक सफलता मिली है और हमें इस दिशा में अभी और काम करना है। राफेल के मुद्दे पर उन्होंने कहा डिफेंस एग्जीक्यूशन काउंसिल ने ही राफेल के लिए मांग की थी। यूपीए ने ही राफेल का चुनाव किया था और यूपीए ने ही राफेल का अनुमोदन किया था। इसकी कीमत पर यूपीए और कांग्रेस द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है। लेकिन जनता इनके बहकावे में आने वाली नहीं है।
यूपीए सरकार ने किया छल
भूपेंद्र यादव ने कहा कि यूपीए सरकार ने तीन लाख करोड़ का एनपीए दिखाया था पर असल में यह 9 लाख करोड का था। इस प्रकार देश की जनता के साथ एनपीए पर यूपीए और कांग्रेस ने छल किया है। कांग्रेस की इतने वर्षों तक की सरकार में बैंकरप्सी के ऊपर कोई कानून नहीं बनाया था। पर मोदी सरकार ने बैंकरप्सी के ऊपर कानून बनाया जिससे कि तीन लाख करोड़ का एनपीए वसूल लिया गया है। सिंचाई योजना लगभग 40,000 करोड़ की है जिससे कि किसान को लाभ मिल रहा है। पहले देश में लगभग 5 करोड़ टैक्स दाता थे आज लगभग यह संख्या 10 करोड़ के पास है। यह हमारी सरकार की उपलब्धि है। देश में एक बड़ा परिवर्तन अच्छी दिशा में मोदी जी और एनडीए की सरकार के नेतृत्व में आ रहा है।
दो सांसद नहीं पहुंचे
बैठक के दौरान कानपुर नगर के सांसद डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी, मिश्रित सीट से सांसद अंजूबाला नहीं मौजूद थीं। जब कि इस मौके पर कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी, उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष बाबूराम निषाद, सांसदों में देवेंद्र सिंह भोले, मुकेश राजपूत, अशोक दोहरे, विधायक महेश त्रिवेदी, अभिजीत सिंह सांगा, प्रतिभा शुक्ला, कमल रानी वरुण, विनोद कटियार, निर्मला संखवार, लाखन राजपूत, सरिता भदौरिया, कैलाश राजपूत, सुशील शाक्य, अरुण पाठक एमएलसी, सुरेश अवस्थी, सुनील द्विवेदी, सुब्रत पाठक, सुरेंद्र मैथानी, सुशील कटियार आदि उपस्थित थे। दो सांसदों के नहीं शामिल होने पर मीडिया प्रभारी मोहित पांडेय ने बताया कि दोनों सांसद निजी काम के चलते शहर से बाहर थे। इसी के चलते वो कार्यसमिति की बैठक में नहीं उपस्थित रहे।