उन्होने पाया कि ट्रैक और गार्डर बिछाने का काम लगभग पूरा होने वाला है, प्लेटफार्म, सीढ़ीयां, सिग्नल का काम तेजी से चल रहा है। आईआईटी से मोतीझील तक पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं। साथ ही ट्रैक पर पटरियों को बिछाने का कार्य अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा। मेट्रो की पहली ट्रेन सितंबर और दूसरी ट्रेन अक्टूबर तक आ जाएगी। इसके साथ ही नवंबर से इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा। यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव ने बताया कि कानपुर के लिए जो मेट्रो ट्रेन बन रही है, वह लखनऊ से ज्यादा एडवांस है। ये मेट्रो ट्रेन बहुत ही मॉर्डन हैं। इसमें व्हीलचेयर की भी सुविधा है। फिजिकली चैलेंज पर्सन आसानी से जा सकते हैं।
इस दौरान यदि किसी महिला या बुजुर्ग को कोई दिक्कत समस्या हो तो ड्राइवर और कंट्रोल रूम से बात कर मदद ले सकते हैं। पूरी ट्रेन सीसीटीवी कैमरों से लैस होगी। सभी कैमरो की निगरानी कंट्रोल रूम से होगी। यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव के मुताबिक हमारे विजिटि का मुख्य उद्देश्य है समस्याओं को देखने और उन्हे दूर करने का था। हम लोग स्टेशन के आलाव अन्य बारीकियों को भी ध्यान से देख रहे हैं। कोरोना की वजह से काम में कुछ बाधाएं जरूर आईं थी। लेकिन हमारा प्रयास है कि हम अपने टारगेट से पहले काम खत्म कर लें। उन्होने बताया कि नवंबर महीने में हमें इसके ट्रायल शुरू करने हैं। अभी दो दिन पहले मैं सांवली अहमदाबाद प्लांट में था।
उन्होंने बताया कि प्लांट में ट्रेन बनाने का काम किया जा रहा है। अहमदाबाद से कानपुर आने में 10 से 12 दिन का समय लगेगा। सितंबर महीने के अंत में पहली ट्रेन कानपुर आ जाएगी। तीन अलग-अलग डिब्बे ट्रेलर से आएंगे, और फिर उन्हे यहां पर जोड़ा जाएगा। हम जो कॉरीडोर ऑपरेट करेंगे। इसके लिए 6 ट्रेनों की जरूरत है, लेकिन हम 8 ट्रेनों के संचालन का टारगेट लेकर चल रहे हैं। ताकि एक ट्रेन हमारे पास मेंटिनेंस के लिए रहे। ट्रेन गुजरात में बन रही है, मैंने दो दिन पहले ही वहां का विजिट किया था। पहली और दूसरी ट्रेन बनकर तैयार हो गई है। तीसरी ट्रेन को बनाने का काम किया जा रहा है। पहली ट्रेन बनाने में सबसे ज्यादा समय लगता है।