बिकरू कांंड - गांव में 25 साल बाद पंचायत चुनाव को लेकर दिखाई पड़ रही गहमागहमी
- विगत शुक्रवार को भंडारे चली थी जमकर लाठियां
- विकास दुबे के चचेरे भाई सहित अन्य के खिलाफ पुलिस ने की थी कार्रवाई

कानपुर. बिकरू गांव में 25 साल से बंधक बनी लोकतंत्र की असली परीक्षा आगामी पंचायत चुनाव में होगी। जब कुख्यात अपराधी विकास दुबे के आतंक से बाहर निकल कर चुनाव में लोग भाग लेंगे। मतदाता अपने मनपसंद प्रत्याशी को चुनने और खड़ा करने के लिए स्वतंत्र रहेंगे। इसके पूर्व गांव में हुए धार्मिक कार्यक्रम में दो पक्षों में चले लाठी-डंडे के बाद पुलिस ने विकास दुबे के चचेरे भाई सहित लगभग डेढ़ दर्जन लोगों को शांति भंग में पाबंद किया है। घटना के बाद गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया है। जो पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण कराने के लिए सतर्क रहेंगे।
विकास के साए से निकलकर हो रहा पंचायत चुनाव
उल्लेखनीय है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद गांव में पंचायत चुनाव को लेकर माहौल गरम है। विगत शुक्रवार को गांव में भंडारा का आयोजन किया गया था। जिसमें दो पक्षों में जमकर लाठी-डंडे चले। गांव वालों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कर दिया। लेकिन दोनों पक्षों में से किसी ने भी थाना में तहरीर नहीं दी। वहीं दूसरी तरफ आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने बिकरू गांव की स्थिति को देखते हुए मामले को संज्ञान में लिया और चौबेपुर थाना पुलिस को निर्देशित किया कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। इसके साथ ही उन्होंने गांव में पुलिस की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए। आईजी रेंज के निर्देश के बाद चौबेपुर थाना पुलिस सक्रिय हुई और गांव में अपनी चहल कदमी बढ़ाई राजनीतिक स्तर पर सक्रिय लोगों की लिस्ट भी बना रही है।
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