उसी दौरान विकास की गद्दी को लेकर अमर व विकास के बीच झगड़ा हुआ था। जिस पर गुस्साए अमर ने विकास से कहा था कि हमसे इतना बड़ा कांड करवा दिया और अब अपनी गद्दी भी नहीं दे सकते हो। उसने यह भी कहा था कि अभी नई शादी हुई और अब पत्नी के जेल जाने की नौबत आ गई है। फिर झल्लाया अमर वहा बोला मै यहां बिल्कुल नहीं रुक सकता। इसके बाद वह वापस कानपुर के लिए निकल पड़ा। तभी हमीरपुर में मुठभेड़ में उसे मार गिरा दिया गया। हालांकि विकास प्रभात को उत्तराधिकारी बनाना चाहता था। विकास के मुताबिक प्रभात के अंदर अपराधिक दक्षता के अतिरिक्त दिमाग भी तेज चलता था। वह प्रत्येक स्थिति को अपराध के नजरिए से देखता था। विकास अक्सर उसकी सलाह आसानी से मान लेता था।