कानपुर-बिकरू कांड के बाद छै महीने से पुलिस की आंखो मे धूल झोंककर फरार चल रहे आरोपित विपुल दुबे को सजेती थानाक्षेत्र की पुलिस ने धर दबोचा। मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने बिकरू कांड के इस अंतिम आरोपी वितुल को गिरफ्तार कर प्रदेश पुलिस को राहत दी। जबकि एसटीएफ विपुल के दो रिश्तेदारों को लेकर उसकी तलाश में जगह छापेमारी कर रही थी। इधर कुआंखेड़ा चौकी इंचार्ज सहित पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया। पुलिस ने विपुल दुबे उर्फ वितुल पर 50 हजार रूपए का इनाम घोषित किया था, जो अब गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को दिया जाएगा। एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि इनाम की राशि विपुल को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को दी जाएगी।
पढ़ें-:बाराबंकी से सुरक्षा के बीच खुशी पहुंची न्यायालय, उनके अधिवक्ता ने कहा, देखें वीडियो| कई जिलों में खिलौने बेचकर काटी फरारी गिरफ्त में आए विपुल ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह अपनी पढ़ाई बैरी गांव ननिहाल में रहकर करता था। अपने चचेरे भाई अमर दुबे की शादी में वह बिकरू गया था। वहीं दो जुलाई की घटना के बाद वह फरार हो गया। उस बीच पुलिस से बचने के लिए खेतों से 40 किमी दौड़ते हुए औरैया पहुंचा था। जिसके बाद उसने अपने फरारी के दिन अलीगढ़, दिल्ली, बुलंदशहर व हाथरस सहित कई जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के मेलों व बाजारों में खिलौने व गुब्बारे बेचकर व्यतीत किए। उसी दौरान फीरोजाबाद के चूड़ी के कारखाने में भी काम किया। विपुल मोबाइल नहीं रखता था इसलिए पुलिस उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं कर पाई।
पढ़ने में विपुल था मेधावी, आईटीबीपी में हो गया था चयन उसके पास फरारी के दौरान आधार कार्ड न होने से उसे अपनी रातें रेलवे व बस स्टेशन पर गुजारनी पड़ीं। विज्ञान से स्नातक पास विपुल पढ़ाई में मेधावी रहा। सन् 2019 की राजकीय पालीटेक्निक परीक्षा में उसने पूरे प्रदेश में 204वीं रैंक पाई थी। कानपुर पालीटेक्निक में प्रवेश लेने के बाद उसने एसएससी ‘जीडी’ की लिखित व शारीरिक परीक्षा पास किया। इस पर उसका चयन भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में सिपाही के पद पर हो गया था। उसने बताया कि ट्रेनिंग के लिए उसे जून 2020 में जाना था, लेकिन कोरोना के चलते उसके बैच की ट्रेनिंग रोक दी गई थी। फिलहाल विपुल को लेकर पुलिस की पूछताछ जारी है।