जिसके बाद मुंबई की ठाणे पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। वहीं पुलिस ने गुड्डन पर घटना की साजिश में शामिल होने, विकास को असलहे पहुंचाने के साथ ही हत्या व हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया है। जिस पर शनिवार को गुड्डन के जमानत प्रार्थनापत्र पर स्पेशल जज एंटी डकैती रामकिशोर की कोर्ट में सुनवाई हुई। बचाव पक्ष ने घटना में उसके नामजद न होने व राजनीतिक विद्वेष में फंसाए जाने की बात कहकर जमानत की मांग की। एडीजीसी प्रदीप पांडेय ने कहा कि गुड्डन पर घटना वाले दिन विकास दुबे को असलहे पहुंचाने के पुख्ता सुबूत हैं।
यह असलहे न पहुंचाए गए होते तो शायद इतना जघन्य कांड न होता। दलील दी कि जमानत स्वीकार हुई तो वह गवाहों में भय उत्पन्न कर सकता है। इन तर्कों से सहमत कोर्ट ने जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिए। वहीं दूसरे की आईडी का सिम प्रयोग करने व शस्त्र लाइसेंस में आपराधिक इतिहास छिपा फर्जी शपथपत्र देने के मुकदमों में दाखिल किए गए जमानत प्रार्थना पत्रों पर भी सुनवाई हुई। शासकीय अधिवक्ता का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने गुड्डन त्रिवेदी के दोनों जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिए।