जांच में शातिरों की करोड़ों संपति की जानकारी मिली पुलिस कार्यवाही में कांड में 34 शातिरों को जेल भेज दिया गया। साथ ही इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा किया जा चुका है। हालांकि बिकरू कांड की जांच ईडी व आईबी सहित और एजेंसियों ने की थी। जांच पड़ताल में जानकारी मिली कि विकास दुबे के करीबी जय बाजपेई के पास 30 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। ऐसे ही विकास के खास जिलेदार के पास भी 10-15 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति निकली थी। विकास की खुद कुछ बेनामी सम्पत्तियों को एजेंसियों ने चिह्नित किया था, 15-20 करोड़ रुपए के आसपास बताई जा रही है। इसके अलावा और भी गुर्गों की सम्पत्तियों का ब्योरा एजेंसियों ने जुटाया था।
एडीजी जोन बोले डाटा आते ही होगी कार्रवाई पुलिस इनसे भी संपर्क कर डिटेल लेगी। फाइनेंस के मामलों में शामिल तीन विभागों को आरोपितों का नाम, पता, फोन नंबर, आधार और पैन कार्ड भेजा गया है। एजेंसियों ने अगले दस दिनों में खाता उपलब्ध कराने की बात कही है। बताया जा रहा है कि जब पुलिस एकसाथ करीब तीन दर्जन आरोपितों की सम्पत्ति सीज करेगी। प्रदेश में अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई होगी। एडीजी जोन भानु भास्कर ने बताया कि एजेंसियों को शातिरों की डिटेल भेजी गई है। दस दिनों में डाटा उपलब्ध कराने को कहा गया है। डाटा आते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। सभी की सम्पत्तियों को जब्त किया जाएगा।
न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में 13 पुलिसकर्मी दोषी बिकरू कांड की जांच कर न्यायिक आयोग ने 132 पेज की रिपोर्ट जारी की है। जांच रिपोर्ट में तत्कालीन डीआईजी अनंत देव समेत 13 पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया है। बताया गया कि न्यायिक आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया गया. रिपोर्ट में तत्कालीन डीआईजी अनंत देव, डीएसपी सूक्ष्म प्रकाश, करुणा शंकर राय, आरके चतुर्वेदी, पासपोर्ट नोडल अफसर अमित कुमार, हरेंद्र कुमार, सुंदरलाल, नंदलाल प्रताप, सुभाष चंद्र, प्रेम प्रकाश, रामप्रकाश और लक्ष्मी निवास को दोषी बताया गया है। अब न्यायिक आयोग ने दोषी पाए गए सभी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के लिए रिकमंडेशन दिया है। इन सभी पर विकास दुबे की मदद करने का आरोप लगा है।