ये भी पढ़ें- यूपी की ब्यूरोक्रेसी में बड़े फेरबदल, नवनीत सहगल को अपर मुख्य सचिव सूचना विभाग बनाया गया, देखें लिस्ट पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों ने बताया है कि गोलीबारी में सैंकड़ों कारतूसों का प्रयोग हुआ था, जबकि पुलिस को मौके से केवल छह दर्जन कारतूस व खाली खोखे बरामद हुए थे। आरोपितों ने बताया कि पहले छतों से गोलीबारी हुई और जब पुलिस कर्मी घायल हो गए और अन्य मैदान छोड़ गए तो विकास दुबे ने अपने गुर्गों से कारतूस बीनने को कहा। इसके पीछे यह उद्देश्य था कि वह नहीं चाहता था कि पुलिस को पता लगे की उन लोगों ने कितनी गोलियां चलाई।
बिकरू कांड में चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा की मुख्य भूमिका रही है। पुलिस की विवेचना के मुताबिक थाने में तहरीर देने की भी सूचना तुरंत विकास दुबे तक पहुंची थी। साथ ही एफआईआर दर्ज होने के बाद जब बिकरू विकास के ठिकाने पर दबिश देने गई, इसकी भी सूचना विकास को पहले ही दे दी गई थी। हर बार ये सूचनाएं पुलिसकर्मियों द्वारा ही दी गई थी, जिससे विकास ने पुलिस पर हमले की पूरी साजिश रची। बदमाशों को असलहों से लैस करके इकट्ठा कर छतों पर तैनात किया। जेसीबी से रास्ता ब्लॉक कर दिया। जब पुलिस पहुंची तो उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल और कॉल रिकॉर्डिंग भी कोर्ट में चार्जशीट के जरिये पेश की हैं।
ये भी पढ़ें- साबरमती की तर्ज पर कानपुर में अटलघाट से जाजमऊ तक बनेगा गंगा रिवर फ्रंट इन 36 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल-पुलिस ने 36 बदमाशों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें राम सिंह यादव, अखिलेश दीक्षित, जहान सिंह यादव, विष्णु पाल उर्फ जिलेदार, तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी, दरोगा केके शर्मा, जयकांत बाजपेई, प्रशांत शुक्ला, गुड्डन त्रिवेदी, सुशील तिवारी, संजय उर्फ संजू, राजेंद्र मिश्रा, दयाशंकर अग्निहोत्री, हीरू दुबे, वीरू दुबे, धीरू दुबे, शिव तिवारी, शिवम दलाल, शिवम बीडीसी, श्यामू बाजपेई, रामू, गोपाल सैनी, गोविंद सैनी, बाल गोविंद, शशिकांत पांडेय, उमाशंकर, विपुल, नन्हू यादव, छोटू शुक्ला, बड़ा बउन उर्फ उमाशंकर शुक्ल, बल्लू मुसलमान और राकेश शामिल हैं। इसके अलावा चार महिला आरोपियों खुशी दुबे, शांति, रेखा अग्निहोत्री और छाया के नाम भी शामिल हैं।