ट्रेन चलाने में दो सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे रेलवे अफसरों का दावा है कि दो साल के इस प्रोजेक्ट पर करीब दो सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस नई रेललाइन के चालू होने के बाद ब्रह्मावर्त स्टेशन को जंक्शन का दर्जा मिल जाएगा। इसके साथ ही बिठूर के लोगों का बरेली, लखनऊ और दिल्ली से रेल संपर्क आसान होगा। मंधना-बिठूर रेलमार्ग के आमान परिवर्तन का काम लगभग अंतिम चरण में है। रेलवे ने ऐतिहासिक और धार्मिक स्थली बिठूर को दूसरी रेल लाइन यानी सफीपुर से जोडऩे का फैसला वर्ष 2011 में लिया गया था। इसके बाद यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़ा रहा, क्योंकि मंघना-बिठूर रेलमार्ग का आमान परिवर्तन ही नहीं हुआ था। अब रेलवे ने इस ऐतिहासिक स्थल को एक बार फिर सफीपुर से रेललाइन के जरिए जोडऩे का फैसला किया। इसके तहत पुराने प्रस्ताव को नए तरीके से बना रेलवे बोर्ड को पिछले सप्ताह भेज दिया गया है। रेलवे अफसरों का मानना है कि सब कुछ दुरुस्त रहा तो मार्च-2020 में बिठूर सफीपुर से जुड़ जाएगा। इसके बाद इस रेललाइन के जरिए एक ओर बिठूर लखनऊ, शाहजहांपुर, बरेली और मैलानी के साथ ही दिल्ली रेलखंड से भी जुड़ेगा।
ब्रह्मवर्त स्टेशन से लखनऊ के लिए जल्द चलेगी ट्रेन रेलवे इंजीनियरिंग अमले का कहना है कि मंधना से बिठूर के बीच केवल एक हाल्ट बनेगा। वजह यह है कि इस रूट की ट्रेनें अकारण लेट न होने पाएं। रेलवे अफसरों का मानना है कि सडक़ मार्ग होने से इस ओर का ट्रैफिक अधिकतर इन्हीं से चलता है। गौरतलब है कि वर्ष 2004 में कानपुर-फरुखाबाद रेलमार्ग के आमान परिवर्तन के बाद बिठूर रेल मानचित्र से अलग हो गया था। तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने मंधना-बिठूर रेलमार्ग के आमान परिवर्तन के कार्य का श्रीगणेश फर्रुखाबाद में किया था। वर्ष 2014 में इस लाइन के लिए सबसे पहले बीस लाख रुपए की राशि जारी हुई। मौजूदा में आमान परिवर्तन का काम 90 फीसदी पूरा हो चुका है। बजट और विभागीय लापरवाही की वजह से कई महीनों से कार्य की गति सुस्त है।
फर्रुखाबाद-कानपुर रेलमार्ग से भी जुड़ेगा रेलवे अफसरों ने बताया मंधना बिठूर रेलमार्ग के आमान परिवर्तन (बड़ी लाइन) का काम सितंबर, 2018 में पूरा कर लिया जाएगा इसके बाद इस रूट पर नई ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। इसके मद्देनजर ही रेलवे ने बिठूर को सफीपुर लाइन से जोडऩे का फैसला किया है। इससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि आमान परिवर्तन का काम भले ही अभी पूरा न हुआ है, लेकिन मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) के निरीक्षण का पत्र तैयार हो गया है। इस कार्य का जैसे ही इंजीनियरिंग अमला हरी झंडी देगा, तत्काल सीआरएस जांच करवा ट्रैक फिट घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद इस रूट पर ट्रेन चलने लगेंगी।