99 फीसदी मुस्लिम मतदाता देश की सबसे बड़ा संगठन और कई राज्यों में सरकार होने के बावजूद भाजपा को वार्ड संख्या 109 में प्रत्याशी नहीं मिल पाया, जिसके कारण यहां सपा, बसपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। भाजपा ने नगर निकाय चुनाव की घोषणा के बाद महापौर और पार्षद पद के लिए आवेदन मांगे थे, जहां मेयर के लिए 34 महिलाओं ने दावेदारी की तो 109 वार्डो के लिए करीब 1500 लोगों ने कमल का सिंबल पाने के लिए आवेदन किया था। भाजपा ने कड़ी मशक्कत के बाद महापौर पद के लिए प्रमिला पांडेय को टिकट देकर चुनावी अखाड़े में उतारा तो वहीं 109 पार्षदों के नाम पर मुहर लगाकर नामांकन के लिए भेज दिया। लेकिन मुस्लिम बाहुल्य वार्ड संख्या 109 नजीराबाद से भाजपा को एक भी प्रत्याशी नहीं मिला, यहां सपा, बसपा,
आम आदमी पार्टी सहित पांच अन्य निर्दलीय कैंडीडेट्स ने पर्चा दाखिल किया है।
आखरी वक्त तक जूझती रही भाजपा वार्ड 109 के लिए भाजपा ने सपा, बसपा और कांग्रेस के विरोधी नेताओं से संपर्क बनाया और टिकट देने के लिए कहा, लेकिन किसी ने भगवा रंग ओड़ने की हामी नहीं भरी। नामांकन के आखरी दिन नगर निगम कार्यालय में वार्ड 109 को लेकर जबरदस्त चर्चा रही। नजीराबाद के रहने वाले अफजल ने कहा कि देर रात एक मुस्लिम भाजपा नेता हमसे मिलने के लिए आया और टिकट देने को कहा, पर हमने मना कर दिया। अफजल कहते हैं कि भाजपा 125 करोड़ लोगों की पार्टी अपने आप को कहती है, पर इनके लिए शर्म के बात है कि इन्हें मुस्लिम बाहूल्य वार्ड से एक भी प्रत्याशी नहीं मिला।
पूर्व विधायक ने कहा, तुम नामांकन कर दो, खर्चा हम वाहन कर लेंगे नगर निगम कार्यालय में सपा के साथ आए वार्ड 109 के फहीमा बेगम ने कहा कि भाजपा के एक पूर्व विधायक हमारे पास आए थे और चुनाव में उतरने को कहा था, पर हमने मना कर दिया। फहीमा कहती हैं कि वो पिछले बीस सालों से सपा के साथ जुड़ी हैं। हमने अपने वार्ड से पार्षद पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन पार्टी ने दूसरे को टिकट दे दिया। बावजूद हम
अखिलेश यादव के साथ खड़ीं हैं। फहीमा ने कहा कि भाजपा नेताओं को सोचना चाहिए कि करीब तीन हजार आबादी वाले मुस्लिम वार्ड से इन्हें एक कैंडीडेट्स नहीं मिला, या कहें किसी ने टिकट देने के बाद भी लोगों ने इंकार कर दिया।