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कानपुर

भाजपा ने प्रमिला पांडेय को थमाया टिकट, माया और वंदना के साथ भिड़ंत

संघ के साथ ही बाहरी दावेदारों की कसमकस के बाद आखिरकार भाजपा ने कानपुर मेयर पद के लिए प्रत्याशी के नाम का एलान कर दिया।

कानपुरNov 04, 2017 / 09:33 pm

shatrughan gupta

Pramila Pandey

Pramila Pandey

कानपुर. संघ के साथ ही बाहरी दावेदारों की कसमकस के बाद आखिरकार भाजपा ने कानपुर मेयर पद के लिए प्रत्याशी के नाम का एलान कर दिया। सिविल लाइंस निवासी व भाजपा की पूर्व पार्षद प्रमिला पांडेय को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय ने कमल का सिंबल देकर सपा की माया गुप्ता और कांग्रेस की वंदना मिश्रा से चुनावी मैदान में दो-दो हाथ करने के लिए उतार दिया गया।
प्रमिला पांडेय की क्षवि एक तेज-तर्राक महिला के रूप में शहर में मानी जाती है और ये अपने साथ खुद का पिस्टल लेकर चलती हैं। प्रमिला पांडेय डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी के साथ ही यूपी सरकार के मंत्री सतीश महाना की करीबी मानी जाती हैं। जानकारों का कहना है कि प्रमिल पांडेय शुरूआत में दौड़ में नहीं थी, लेकिन वंदना मिश्रा के कांग्रेस से आने के बाद इनका नाम-लगभग-लगभग फाइनल हो गया।
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इसके चलते टिकट मिला

शहर में पिस्टलधारी महिला के रूप में पहचान रखने वाली प्रमिला पांडेय को भाजपा ने कानपुर से मेयर पद के लिए चुनाव के मैदान में उतारा है। प्रमिका पांडेय भाजपा से दो बार पार्षद पद का चुनाव जीतीं और संगठन के कई पदों पर रहीं। निकाय चुनाव के घोषणा से पहले इनका नाम भाजपा संगठन के कई नेताओं ने आगे किया, लेकिन ग्रामीण से जिलाध्यक्ष अनीता गुप्ता ने भी दावेदारी कर इनके रास्ते में अड़चन लगा ली, लेकिन कमलावती के साथ ही एस प्रतिष्ठित स्कूल के प्रबंधक की पत्नी की दावेदारी के बाद प्रेमिला पांडेय को कमल का सिंबल मिलने की उम्मीद खत्म हो गई थी, पर शुक्रवार को जैसे ही कांग्रेस ने आलोक मिश्रा की पत्नी वंदना मिश्रा को टिकट देकर ब्राम्हण कार्ड खेला वैसे ही भाजपा रणनीतिकारों ने अपनी नीति बदल दी और 48 घंटे की कड़ी जद्दोजहद के बाद प्रमिला का घोषित कर दिया।
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गरीबों के लिए लड़ती हैं, पिस्टल लेकर चलती हैं

विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में अपराधों को लेकर भाजपा थानों का घेराव कर रही थी, तभी प्रमिला पांडेय कमर में पिस्टल लगाकर अपनी महिला टोली के साथ थानों में पहुंचती थीं। इनकी धमक देकर कई खाकीधारी सहम जाते थे। कानपुर-बुंदेलखंड के मीडिया प्रभारी मोहित पांडेय कहते हैं कि मैडम सुबह घर से निकल जाती हैं और गरीबों की समस्याओं को सुनती हैं और उनके निराकरण के लिए सरकारी अफसर के पास खुद चल कर जाती हैं। अगर कोई अफसर समस्या का निदान नहीं करता तो उसे मैडम सबक भी सिखाती हैं। मोहित बताते हैं कि मैडम पिछले बीस सालों से भाजपा से जुड़ी हैं और संघ के कार्यक्रमों में भी भाग लेती रहती हैं। प्रमिला ने पत्रिका से बातचीत के दौरान कहा कि हम 1989 से भाजपा से जुड़े हैं यहीं पर राजनीति का ककहरा सीखा।
झुनझुनवाला का टिकट कटा

लंबे इंतजार और जद्दोजहद के बाद आखिर भारतीय जनता पार्टी ने ज्ञंदचनत के 110 वार्डों से लड़ने वाले प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। इस लिस्ट में बीजेपी के कई पुराने चेहरों की जगह नए उम्मीदवारों को टिकट देकर चुनाव के मैदान पर उतारा गया है। तीन बार से पार्षद रहे रमापति झुनझुनवाला का टिकट काट दिया है। उनकी जगह प्रेम कुमार पांडेय को भाजपा ने टिकट दी है। प्रेम कुमार को प्रदेश महामंत्री सलिल विश्नोई के साथ का करीबी माना जाता रहा है। शहर से कई और दिग्गजों के भी टिकट कटे हैं। पार्षद प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होते ही आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर शुरु हो चुका है। लेकिन जिनकों टिकट मिली है वो एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं।
पचौरी के समर्थकों के हाथ लगी मायूसी

गोविंदनगर में मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कई सीटों पर अपने करीबियों को उतारने के लिए नाक का सवाल बना लिया था। सबसे अहम वार्ड नंबर 33 की लड़ाई थी, जिसे वह हार गए। इस वार्ड से संगठन ने घनश्याम गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है। घनश्याम गुप्ता को आवेदन से पहले धमकी तक दी गई थी। इस मामले को यूपी बीजेपी ने भी काफी गंभीरता से लिया। वार्ड 86 काकादेव और वार्ड नंबर 34 रतनलाल नगर समेत करीब आधा दर्जन वार्ड ऐसे हैं जहां से मंत्री सत्यदेव पचौरी के करीबियों का पत्ता संगठन ने पूरी तरह से साफ कर दिया। कुछ यही हाल किदवईनगर विधान सभा का भी रहा। यहां से विधायक महेश त्रिवेदी सिर्फ चार करीबी लोगों को टिकट दिलाने में सफल हुए। बाकी सीटों पर संगठन के क्षेत्रीय नेता भारी पड़े।
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