खुद के पैसे से करते हैं व्यवस्था
पार्षद विकास जायसवाल ने बताया कि प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के वह भक्त और एक इमानदार सिपाही हैं। जिले के प्रशासनिक अधिकारीह व अन्य जप्रतिनिधि इस संकट की घड़ी में इंसानों की सेवा कर रहे तो हैं वहीं हम अपने साथियों के साथ बेजुबानों की जान लाॅकडाउन के वक्त बचा रहे हैं। जायसवाल ने बताया कि गायों के लिए लौकी, कद्दू, हरी घास, भूसे के अलावा ब्रेड खरीदते हैं। अपने साथियों के साथ पांच ट्रालियों में ये खाद्य समाग्री रखकर सड़क पर उतर जाते हैं। आवारा घूम रही गायों को भोजन के साथ पानी भी पिलाते हैं।
बंदरों को कराते हैं भरपेट भोजन
जिले के प्रसिद्ध आन्देश्वर मंदिर के आसपास बंदरों के झुंड के लिए भोजन की व्यवस्था लाॅकडाउन से पहले श्रद्धालु और पुजारी कराते थे। यहां आने वाले लोग इन बंदरो को रोजाना कुछ न कुछ खाने को उपलब्ध करा देते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण मंदिर पूरी तरह से बंद है। ऐसे में धीरे धीरे इन बंदरो को भूखा रहना पड़ रहा था। पार्षद को जब इन व्याकुल बंदरो की जानकारी लगी तो इन्होंने इन बंदरो की भूख मिटाने की ठान ली। अब रोजाना पार्षद बंदरों के लिए चने, सोयाबीन आदि रात में पानी में भिगों देते हैं और रोजाना सुबह इन्हें मंदिर परिसर में लेकर पहुंच जाते हैं। अपने हाथों से बंदरों को भरपेट भोजन कराते हैं।
पहले की तरह नहीं दिख रहे बंदर
पार्षद को देख बंदरो का झुंड इनके आसपास मंडराने लगता है। यह बंदर इन्हें कोई हानि नहीं पहुचाते हैं बल्कि बड़े ही प्रेम से इनके हाथों से भोजन ग्रहण करते हैं। पार्षद ने बताया कि लाॅकडादन के चलते पहले की तुलना में शहर में इस वक्त बंदर बहुत कम संख्या में दिख रहे हैं। कहते हैं, बंदर शाखााहरी जीव है और लाॅकडाउन के चलते लोग घरों पर हैं। इसी के चलते बंदर शहर के बजाए दूसरे स्थानों पर चले गए हैं। कहते, यही हाल आवारा कुत्तों का भी है। उनकी संख्या भी इस वक्त सड़कों पर न के बराबर है।