अकबरपुर लोकसभा सीट से पति अनिल शुक्ल वारसी चुनाव लड़ने की कर रहे तैयारी, शराब को मुद्दा बना जनता के बीच पकड़ बना रहे पति-पत्नी
कानपुर•Jun 11, 2018 / 12:30 pm•
Vinod Nigam
विधायिका के मास्टर स्ट्रोक से सांसद भोले डरे, अकबरपुर से चुनाव लड़ने के लिए वारसी डटे
कानपुर। बसपा के पूर्व सांसद व भाजपा नेता अनिल शुक्ल वारसी आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी के लिए एक्टिव हो गए हैं। इसी के चलते उन्होंने अपनी पत्नी प्रतिभा शुक्ला के साथ किदवईनगर से शराबबंदी को लेकर प्रोटेस्ट मार्च निकाला। इस मौके पर प्रतिमा शुक्ला ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से प्रदेश में पूरी तरह शराबबंदी करने की मांग की। साथ ही कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह पति के साथ मिलकर आंदोलन करेंगी। प्रतिभा की इस डिमांड के पीछे लोग सियासत के तौर पर देख रहे हैं। अकबरपुर क्षेत्र से वो पति वारसी को टिकट देने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। शराब का मुद्दा शहर के साथ ही ग्रामीण इलकों की महिलाओं के साथ जुड़ा है और कमल सिंबल मिलने के बाद विधायिका इसे चुनाव के वक्त भुना सकती है। पति-पत्नी के इस स्ट्रोक ने वर्तमान सांसद देवेंद्र सिंह भोले की मुश्लिकें बड़ा दी हैं। टिकट न कटे इसके लिए वह भी सुबह से लेकर शाम तक जनता के बीच जाकर जनसपंर्क अभियान चलाए हुए हैं।
बसपा से इस्तीफा दे भाजपा की ज्वाइन
समाजवादी पार्टी से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अनिल शुक्ल वारसी की भाजपा तीसरी पार्टी है। अनिल शुक्ल वारसी की गिनती बसपा के कद्दावर नेताओं में हुआ करती थी। कानपुर नगर व देहात सहित दोआब बेल्ट में उकनी गिनती बड़े ब्राम्हण नेताओं में होती है। लेकिन नसीमुद्दीन सिद्दकी की बसपा में पकड़ हो जाने के चलते अनिल शुक्ल वारसी व उनकी पत्नी समेत कई बसपा नेताओं ने पार्टी छोड़ लोकसभा चुनाव 2014 के बाद भाजपा की सदस्यता ले ली। भाजपा ने प्रतिभा शुक्ला को अकबरपुर रनियां से टिकट देकर चुनाव लड़वाया और उन्होंने कमल खिला दिया। इसी के बाद पति-पत्नी का भाजपा में कद बढ़ गया। जानकारों की मानें तो 2019 के लिए अनिल शुक्ल वारसी ने अकबरपुर से दावेदारी की है। क्योंकि कानपुर-बुंदेलखंड के 17 जिलों की 10 लोकसभा सीटों में से छह वर्तमान सांसदों के टिकट काटे जाने की चर्चा जोरों पर चल रही है। इसी के बाद उन्होंने लखनऊ से लेकर दिल्ली दरवार तक हाजिरी लगा रहे हैं।
सपा छोड़कर बसपा में हुए थे शामिल
अनिल शुक्ल वारसी मुलायम सिंह के काफी करीबी नेताओं में से एक हुआ करते थे। कानपुर में वारसी, लाल सिंह तोमर और सुखराम सिंह यादव की त्रिमूर्ती की सपा में तूती बोला करती थी। लेकिन टिकट कटने के चलते उन्होंने बसपा से संपर्क बनाया और पूर्व मंत्री अंटू मिश्रा के जरिए हाथी का दामन थाम लिया। वारसी कानपुर की बिल्हौर लोकसभा सीट से उपचुनाव में जीतकर सांसद बने थे। वरसी की पत्नी प्रतिभा शुक्ला पूर्व चौबेपुर विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं। लोकसभा और विधानसभा सीटों का पुनः सीमांकन होने में चौबेपुर सीट समाप्त हो गई और प्रतिभा शुक्ला को नवगठित अकबरपुर रनियां से 2012 में टिकट दिया गया किंतु वह हार गईं। 2014 के लोकसभा चुनाव में वारसी अकबरपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े और हार गये। हार के बाद भी प्रतिभा को 2017 और वारसी को 2019 के लिए प्रत्याशी घोषित किया गया, जिसका विरेध बसपा के नेताओं ने किया। प्रतिभा को टिकट कटता नजर आने लगा और इसी को देखते हुए वारसी पत्नी समेत भाजपा की सदस्ता ले ली।
शराब बंदी को लेकर सड़क पर उतरे
पूर्व सांसद पत्नी भाजपा विधायक प्रतिभा शुक्ला के साथ यूपी में शराबबंदी को लेकर सड़क पर उतरे और अपनी ही सरकार के खिलाफ भाषण दिया। प्रतिभा शुक्ला ने सीएम योगी से मांग की वह भी नीतीश कुमार की तरह यूपी में शराब बंदी करें। वारसी दंपत्ति की इस रणनीति के पीछे लोगों को सियासत नजा आ रही है। एक भाजपा नेता ने बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अनिल शुक्ल वारसी तैयारी कर रहे हैं। वहीं वर्तमान सांसद देवेंद्र सिंह भोले भी पीछे हटने को तैयार नहीं। भाजपा नेता ने बताया कि पार्टी हाईकमान की तरफ से वारसी को टिकट दिए जाने का आश्वास मिला है और इसी के चलते वह शराब को मुद्दा बनाकर दलित, मजूदर और गरीबों को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं। अनिल शुक्ल वारसी ने इस मामले पर कहा कि पार्टी हाईकमान जिसे टिकट देगा वह ही अकबरपुर से जीतेगा। हम सीएम से मांग कर रहे हैं कि यूपी को भी शराब से मुक्ति दिलवाएं। जिससे कि कोई मां की गोद न उजड़े। महिलाओं का सिंदूर सलामत रहे।